सलिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार, मिर्जापुर।

  • कोरोना का तेवर नरम नहीं
  • प्राइवेट अस्पताल भी बने कोरोना अस्पतालमिर्जापुर । स्वतंत्रता दिवस पर शनिवार को नरमपंथी बना कोरोना रविवार को फिर आक्रामक तेवर दिखाने के मूड में है। तेज बैटिंग करते हुए अर्धशतकीय साझेदारी दोपहर में ही कर लेने के बाद दिन ढलने तक कहां अपना स्कोर ले जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। अगस्त महीने में कोरोना अस्ताचल के बजाय अपना साम्राज्य विस्तार करता ही रहा। किसी किसी दिन दोहरे शतक तक जब पहुंचा तब लगा कि जिले में भूकम्प आ गया है।

‘आ कोरोना आ’ का न्योता दिया जा रहा है

दर-असल कोरोना को किसी मुख्य अतिथि की तरह आमंत्रण भेजते लोग बाग दिखाई पड़ते है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग सिर्फ भाषणों में रह गया है। शहर हो या गांव हर जगह लोग इतने निश्चिंत है कि कोरोना उन्हें सलामी बोलकर चला जाएगा । पकड़ेगा तो पड़ोसी को, उन्हें नहीं।

प्राइवेट डॉक्टर आगे नहीं आए

पड़ोस के वाराणसी जिले के कई प्राइवेट डॉक्टरों ने अपने अस्पताल को कोरोना अस्पताल के लिए मंजूरी ले ली लेकिन यहाँ किसी ने अभी आवेदन नहीं किया। जिन शर्तों पर वाराणसी में प्राइवेट डॉक्टर कोरोना से लड़ने के लिए आगे आए हैं, उसी तरह यहां भी प्राइवेट अस्पतालों को आगे आना चाहिए। जिससे जो लोग सरकारी व्यवस्था के बजाय निजी सुविधाओं में इलाज कराना चाहते हैं, उन्हें आत्म-संतुष्टि के साथ यह सुविधा मिल सके।

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