डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने संसद से कृषि विधेयक पारित होने का स्वागत किया था। अब यह कानून के रुप में लागू हो चुके। आनन्दी बेन पटेल ने इसकी भी प्रशंसा की है। कहा कि इन कानूनों से किसानों को स्वतंत्र होकर अपने कृषि उत्पादों को मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी अच्छी कीमत पर बेचने की आजादी रहेगी। इससे किसानों को फायदा होगा।किसानों को बिचैलियों से बचाने की जरूरत है। जिससे उन्हें कृषि उत्पाद कम कीमत पर बेचने को विवश ना होना पड़े। आनंदीबेन पटेल पहले भी अनेक बार जैविक कृषि को बढ़ावा देने का आह्वान कर चुकी है। उनका मानना है कि गोवंश आधारित कृषि के अनेक लाभ है। इसको प्रोत्साहन मिलना चाहिए। राज्यपाल ने राजभवन से नीति आयोग द्वारा आनलाइन आयोजित जीरो बजट गौ आधारित प्राकृतिक कृषि विषयक कार्यशाला को सम्बोधित किया। कहा कि गोवंश आधारित प्राकृतिक एवं जैविक खेती की तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक विधि से उत्पादित खाद्यान्नों के विक्रय की है। इसके लिए कोई नजदीकी बाजार उपलब्ध नहीं है। नीति आयोग को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। आनन्दी बेन पटेल ने कुछ दिन पहले किसानों को व्यापारिक दृष्टि रखने का सुझाव दिया था।

बेबीनार में उन्होंने पुनः कहा कि किसानों को उद्यमियों की भांति एक रजिस्टर रखना चाहिए, जिसमें खेती में लगी लागत का पूरा लेखा जोखा हो,जिससे यह पता चल सके कि उसने जो कृषि उत्पाद बेचा है, उसमें उसे कितना लाभ या हानि हुआ है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों से निर्धारित मंडी शुल्क के अतिरिक्त किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाय। प्रायः किसानों की यह शिकायत रहती है। मंडियों में अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला लगना चाहिए। कृषि लागत कम करने में सोलर पम्प उपयोगी होते है। इनका प्रयोग बढ़ रहा है। इससे बिजली की बचत हो रही है। राज्यपाल ने ऐसे किसानों की समस्या को भी उठाया। इनके सोलर पैनेल रात में खराब कर दिए जा रहे हैं,जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने नीति आयोग को सुझाव दिया कि सोलर पम्प पैनलों को बीमा सुविधा के साथ जोड़ा जाय,जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े। कुलाधिपति के रूप में भी आनन्दी बेन पटेल ने उपयोगी सुझाव नीति आयोग को दिया। कहा कि प्राकृतिक एवं आर्गेनिक कृषि उत्पादों की टेस्टिंग के लिए सभी कृषि विश्वविद्यालयों में टेस्टिंग लैब स्थापित करना आवश्यक है। जिससे किसानों को उत्पादों की बिक्री हेतु आसानी से व यथाशीघ्र कृषि उत्पादों का प्रमाणीकरण हो सके।

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