डॉ दिलीप अग्निहोत्री

एक ही संस्था के पूर्व छात्र भावनात्मक रूप से जुड़े होते है। ये बात अलग है कि आजीविका उन्हें स्थानों की दृष्टि से अलग कर देती है। लेकिन आज इस दूरी के बाद भी सभी जगह कोरोना संकट एक जैसा है। ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय ने पूर्व छात्रों के ऑनलाइन संवाद की पहल की। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और लखनऊ विश्वविद्यालय एलुमनी एसोसिएशन की समन्वयक प्रो. निशि पांडे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसका आयोजन किया। इसमें परस्पर विचारों के आदान प्रदान के साथ ही इस वर्ष का सदस्यता अभियान शुरू किया गया।

इसमें भारत सहित कई देशों के एक सौ अस्सी से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। जिनमें प्रशासनिक, शैक्षणिक,पत्रकारिता और कार्यकारी कद के कई नाम शामिल थे। इनमें से अनेक लोग असम, उत्तराखंड,दिल्ली,बैंगलोर सऊदी अरब में कार्यरत है। प्रो आलोक राय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र देश और दुनिया में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे है। विश्वविद्यालय एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहा है,जिसमें वे जल्द ही अपने संबंधित विभागों में अपनी विशेषज्ञता साझा करने और नए विद्यार्थियों को पढ़ाने आ सकेंगे।उन्होंने सभी का एलयूएए के संपर्क में रहने और अपने प्रतिष्ठित अल्मा मेटर का हिस्सा बने रहने के लिए सभी का आह्वान किया।

प्रो निशि पांडे नेबताया कि एलयूएए को औपचारिक रूप से पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।अलुम्ना विश्वविद्यालय में अपने योगदान संबन्धी सुझाव दे सकते हैं। एक्सएलआरआई में अध्यापन कर रहे अलुम्नी प्रो.राहुल शुक्ला ने सुझाव दिया कि पूर्व छात्र विश्वविद्यालय से छात्रों के लिए मेंटर की भूमिका में आ सकते है। ताकि उन्हें जॉब इंटरव्यू से लेकर अन्य कई चीजों के लिए तैयार किया जा सके। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पूर्व छात्र अनुभाग में पूर्व छात्रों के अकादमिक प्रकाशनों को शामिल करने के एक और सुझाव का भी स्वागत किया गया।

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