डॉ दिलीप अग्निहोत्री.

इस समय देश में आपदा को अवसर बनाने का जज्बा दिखाई दे रहा है। इसका आह्वान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद अनेक राज्य सरकारों के साथ ही सामाजिक संस्थाएं भी इस पर अमल कर रही है। लखनऊ की गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति ने भी इसकी मिसाल कायम की है। लॉक डाउन के प्रारंभ से ही वह आपदा राहत कार्य संचालित कर रही है। यह सन्योग था कि इसी दौरान महासमिति का स्थापना दिवस भी आ गया। इस दिन पिछले तीस वर्षों से महासमिति वार्षिकोत्सव समारोह मनाती आ रही है। इसमें प्रदेश के राज्यपाल,मुख्यमंत्री केंद्रीय व प्रदेश के मंत्री भी सहभागी होते रहे है। लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण ऐसा करना संभव नहीं था। लेकिन महासमिति ने इस आपदा में भी अवसर निकाला। उसने कोरोना योद्धाओं के सम्मान के साथ वार्षिक उत्सव मनाने का निर्णय किया।

इस समारोह को कई दिनों तक जागरूकता अभियान से जोड़ते हुए मनाया गया। इसके अंतर्गत पहले स्वच्छता कर्मी,सुरक्षा कर्मी व अधिकारी,नगर निगम कर्मी व अधिकारी, अखबारों के हॉकर्स,गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाले कर्मियों का सम्मान किया गया था। वार्षिकोत्सव का समापन महिलाओं और पत्रकार सम्मान के साथ हुआ। इसमें भी जागरूकता का समावेश रहा। विधि मंत्री बृजेश पाठक इसमें मुख्य अतिथि थे। पर्यावरण दिवस के अगले दिन आयोजित होने वाले इस समारोह में सम्मान स्वरूप पौधा,गमछा,मास्क व सेनेटाइजर प्रदान किया गया। इस समारोह में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। इसका लोगों को सन्देश भी दिया गया। मीडिया कर्मियों व महिला करोना योद्धाओं को प्रदेश के विधि मंत्री बृजेश पाठक ने सम्मान प्रदान किया।

गौरतलब है कि लॉक डाउन के पहले दिन से महासमिति द्वारा गरीबों व जरूरतमंद लोगों को जनप्रतिनिधियों व नगर निगम से प्राप्त खाद्य सामग्री,बिस्कुट,मास्क, ग्लब्स आदि वितरित किया जा रहा है। विधि मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जो बड़े बड़े देश आकाश से लेकर पाताल तक भेदने की क्षमता का दंभ भर रहे थे। वह इस महामारी काल में पूरी तरह से धराशायी हो गए। भारत के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरगामी सोच का परिणाम रहा कि समय पर लॉक डाउन घोषित किया। उसका सख्ती के साथ पालन करवाकर विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को बड़े नुकसान से बचाया है।

 

भारतीय जीवनशैली व खान पान भी आपदा से बचाव में सहायक हुई है। इसे अब पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है। अनलॉक की दशा में पहले से अधिक सावधानी रखनी होगी। कोरोना बचाव के लिए जारी सभी नियमों व दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए। क्योंकि दो गज की दूरी, है बहुत जरूरी के नियम की अवहेलना नहीं करनी चाहिए। भारतीय चिन्तन की प्रासंगिकता को अब दुनिया भी समझ रही है।

 

 

इसी में सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की मानवतावादी कामना की गई है। यही चिंतन अपनी महत्वाकांक्षाओं की जगह समाज सेवा की प्रेरणा देता है। संगठित होकर अपने समाज को स्वस्थ,स्वच्छ सुंदर, आकर्षक और सुविधायुक्त बनाने की आवश्यकता है। महासमिति ने लॉक डाउन के दौरान विभिन्न शहरों व राज्यों से आने वाले श्रमिकों को जिला अधिकारी व नगर निगम के सहयोग से उनके गंतव्य स्थान को भेजने के लिए उनके ई पास बनवाकर प्रदेश व प्रदेश के बाहर भेजने में पूरा सहयोग किया।

कार्यपालिका की बैठक के बाद छह सूत्रीय मांगपत्र रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी व कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक को दिया गया। महासचिव डॉ. राघवेंद्र शुक्ल ने बताया कि इस कोरोना महामारी के दौरान महासमिति से जुड़ी महिला शक्ति ने समाज सेवा में अपना विशेष योगदान दिया।

महासमिति ने हर जरूरतमंद की मदद करने के उद्देश्य से एक स्वयं सहायता समूह का भी गठन किया गया है। जो प्रतिदिन दो सौ जरूरतमंद परिवारों को राशन पहुंचाने के साथ ही बेसहारा व असहाय लोगों की सहायता भी करेगी। महासमिति के अध्यक्ष प्रो. बीएन सिंह ने उपस्थित सभी महानुभावों व भारतीय विद्या भवन पब्लिक स्कूल प्रबंधन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

समारोह में कई पत्रकारों कोरोना योद्धा सम्मान दिया गया। इनमें अजय श्रीवास्तव, धीरज त्रिपाठी,पल्लव शर्मा, संतोष सिंह,अनुपम चौहान,शैलेश अरोड़ा अखिल पांडेय,योगेश पांडेय,को बृजेश पाठक ने कोरोना योद्धा सम्मान प्रदान किया। इसके अलावा बृजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक ने कोरोना आपदा के दौरान राहत कार्यो में सहयोग के लिए नंदिनी मिश्रा,प्रतिभा शाही,चित्रा सक्सेना, नीलम मिश्रा,अमिता श्रीवास्तव,अंजली उपाध्याय,अर्चना अग्रवाल,हेमा गुप्ता, अर्चना शुक्ला,निशा मिश्रा निर्मला सिंह,कुसुम वर्मा को सम्मानित किया।

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