डॉ आलोक चाटिया अखिल भारतीय अधिकार संगठन
१ अप्रैल यानि मूर्खता का दिन और यही कारण है कि यह दिन अपनी अलग विशेषता लेकर आता है पर क्या आपको पता है कि आज के दिन को मूर्खता दिवस क्यों कहा जाता है ??????? नही पता चलिए मै ही अपनी मूर्खता दिवस पर अपनी अक्लमंदी आपको दिखाए देता हूँ …..हुआ यु कि १५८२ में वेटिकेन के पोप हुए पोप ग्रेगर तेरहवे और अपनी गद्दी सम्हालते ही वह बोले कि अब साल के कैलेंडर के लिए ग्रेगर कैलेंडर प्रयोग किया जायेगा और साल का पहला दिन १ जनवरी होगा | उस से पहले जुलियन कैलेंडर का प्रचलन था।
जिस में साल का पहला दिन १ अप्रैल होता था | ज्यादा तर यूरोप के देशो ने ग्रेगर कैलेंडर मान लिया पर फ़्रांस के लोगो को यह बात समझ में नही आयो और वह १ अप्रैल को ही साल का पहला दिन मानते रहे जिस के कारण यूरोप के देश उन्हें मुर्ख समझ कर उनकी खिल्ली उड़ाने लगे और बस उनकी इसी मूर्खता को एक उत्सव का रूप दे दिया गया | आज भी फ़्रांस में एक हफ्ते का १ अप्रैल से उत्सव मनाया जाता है यानि जो काम को न समझ पाए वह मुर्ख कहलाया और वही प्रतीक रूप में आज भी १ अप्रैल मूर्खता दिवस के रूप में प्रसिद्द है …अखिल भारतीय अधिकार संगठन कि तरफ से आपके ज्ञान वर्धन के लिए प्रस्तुत ….