डॉ दिलीप अग्निहोत्री

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल प्राचीन भारत के अनेक प्रसंगों के माध्यम से लोगों को सकारात्मक प्रेरणा देती है। वह महिलाओं व शिशुओं के सुपोषण पर लगातार ध्यान देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया अभियान में भी इसे शामिल किया गया है। सुपोषण कार्यक्रम भी फिट इंडिया के अनुरूप है। सुपोषण से अनेक बीमारियों से भी बचाव होता है। ऐसे ही एक कार्यक्रम में आनंदीबेन पटेल ने अनेक गर्भवती महिलाओं की गोद भराई रस्म को पूर्ण किया। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा भी जो गोद भराई के कार्यक्रम चलाये जाते हैं। उनका एकमात्र यही उद्देश्य होता कि किसी भी दशा में कुपोषित बच्चा पैदा न हो। इसके अलावा सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के पोषण हेतु पांच हजार रुपये की सहायता मिलती है। राज्यपाल ने कहा कि उसका उपयोग पोषण के लिए ही होना चाहिए। इसके साथ ही गर्भावास्था के समय से ही अच्छी शिक्षा एवं संस्कार देनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने महाभारत के चक्रव्यूह तोड़ने के प्रसंग का उल्लेख किया। बताया कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने की शिक्षा सीख ली थी। इसलिए बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए बचपन से बच्चों को कच्चे घड़े की तरह आकार देना होगा।

आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से लखनऊ की एक सौ तीस आंगनवाड़ी केन्द्रों को जिला प्रशासन एवं एकेटीयू से सम्बद्ध छब्बीस इंजीनियरिंग कालेजों के सहयोग से वितरित की जाने वाली खेलकूद,पठन पाठन एवं पोषण सामग्री के तीसरे व अंतिम चरण में पचपन आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरण कार्यक्रम के साथ सम्पन्न हो गया। शेरपुर मोहनलालगंज के वितरण समारोह में आनंदीबेन पटेल के बतौर मुख्य अतिथि सम्मलित हुई। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम संस्कार, शिक्षा एवं आरोग्य के लिए समर्पित है। बच्चे देश के भविष्य हैं। इन्हें कुपोषण एवं क्षय रोग से मुक्त कराना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। राज्यपाल ने संभ्रान्त लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अभियान चलाकर क्षय रोग एवं कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल करें। ताकि देश को 2025 तक कुपोषण मुक्त किया जा सके। जन सामान्य से भी अपील की कि वे भी अपने राष्ट्र धर्म का पालने करें तथा यदि कहीं पर भी कुपोषित एवं क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को देखे तो तत्काल सूचना दें ताकि उन्हे गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल हो सके। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में सभी स्तर की सुविधाएं होती हैं। लेकिन निचले स्तर पर ऐसा नहीं है। यह खाई पाटनी होगी। आंगनवाड़ी केन्द्रों को रूचिकर एवं बच्चों के लिए सुविधा सम्पन्न बनाना होगा। राज्यपाल नेे सहयोग करने वाले समस्त इंजीनियरिंग कालेजों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आंगनवाड़ी केन्द्रों के मैपिंग से संबंधित साफ्टवेयर का लोकार्पण भी किया।

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