योगेश यादव, संवाददाता, बाराबंकी
- सामने आई जहर देकर मारने की बात, वन विभाग का दावा- केवल आधा दर्जन बंदरों के ही मिले शव
बाराबंकी जिले में आज उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यहां के एक गांव में करीब सौ से ज्यादा बंदरों के संदिग्ध अवस्था में मरने की सूचना आग की तरह फैली। आनन फानन पुलिस के साथ वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जहां पर आधा दर्जन बंदरों के शव ही मौके पर बरामद होने का दावा किया गया। बंदरों के शव का पोस्टमार्टम के बाद विसरा सुरक्षित किया गया है। वहीं ग्रामीण बंदरों को जहर देने की बात कह रहे हैं।
पूरा मामला बाराबंकी जिले के दरियाबाद थाना में स्थित सेमोर गांव का है। जहां के जंगल और आम की बाग में करीब सौ से ज्यादा बंदरों के शव दिखाई दिए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना आनन-फानन में पुलिस और वन विभाग को दी। जिस पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जहां टीम ने दावा किया कि उसे करीब आधा दर्जन शव ही मिले। बंदरों के शव को पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सालय दरियाबाद भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद विसरा को सुरक्षित रखा गया है। विसरा को आईवीआईआरआई मथुरा भिजवाकर फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी। जिससे पचा चल सके कि क्या इन बंदरों को किसी ने जहर दिया है। यहां आपको बता दें कि वन विभाग केवल चार बंदरों की मौत होने की बात कह रहा है।
वहीं हिंदू युवा वाहिनी के सदस्य विनय सिंह राजपूत का कहना है कि सैकड़ों बंदरों की मौत हुई है। इन्हें जहर देकर मारने की आशंका भी जताई जा रही है। गांव के अंदर दिन में जहां बंदर दिखाई दिए उन्हें दफन कराया गया। शारदा सहायक नहर में भी कुछ बंदरों के शवों को प्रवाहित किए जाने की बात कही गई है। हिंदु युवा वाहिनी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बाराबंकी के डीएफओ एनके सिंह ने कहा कि सौ बंदरों के मरने की बात गलत है। केवल छह बंदरों की मौत हुई है। जिनका पोस्टमार्टम कराकर विसरा सुरक्षित रखा गया है। विसरा को आईवीआईआरआई मथुरा भिजवाकर फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी। जिससे पचा चल सके कि क्या इन बंदरों को किसी ने जहर दिया है। आगे की जांच कराई जाएगी। जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाएगी।