योगेश यादव, संवाददाता, बाराबंकी
- बेहद खास है बाराबंकी का यकुति आम, दूर-दूर तक इस किस्म के चर्चे, व्यापारी और ग्राहकों में भी ज्यादा डिमांड
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक बेहद खास किस्म का यकुति आम है, जिसकी डिमांड प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश-विदोश में भी है। यहां हजारों बीघे आम की बागान लगी है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन में जब लगभग सभी फलों की बिक्री कम होने से उनके भाव भी गिर गए थे। तब भी फलों के राजा आम का भाव नहीं गिरा और लोगों ने जमकर इस आम का स्वाद चखा। यकुति आम बाराबंकी की खास पैदावार है। इस आम की दूर-दूर तक चर्चा है। इसलिए व्यापारी और ग्राहक भी यहां के यकुति आमों को ज्यादा ज्यादा तरजीह देते हैं।
बाराबकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र में स्थित बड़ा गांव में आम की हजारों बीघे बाग लगी है। यहां के यकुति आम के स्वाद का कोई जवाब नहीं है। इस साल भी इसकी अच्छी पैदावार भी हुई है। यहां के आम राजधानी लखनऊ के आमों को सीधा टक्कर दे रहे हैं। वैसे तो यहां आमों की वैरायटी बहुत हैं, लेकिन जो मजा यकुति में है वो किसी और आम में नहीं। बागबानों को इसके दाम भी अच्छे मिल जाते हैं। जिले में लगभग 12 हजार हेक्टेयर जमीन में आम की बाग लगी हैं और इस काम में हजारों किसान भी लगे हैं।
यकुति के अलावा बाराबंकी के आम की बागों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा और लखनऊ सफेदा, सुरखा, हुस्नहारा, कपूरी, गुलाब खास, आम्रपाली जैसी कई और भी प्रजातियां उगाई जाती हैं। यहां का आम्रपाली, लंगड़ा और दशहरी आम भी बहुत ही स्वादिष्ट होता है। खास बात यह है कि यहां पैदा होने वाला आम ज्यादा टिकाऊ होता है।
वहीं बनारसी लंगड़ा आम भी बाराबंकी की खास पहचान है। यह आम भी जून और जुलाई में डाल से गिरने लगता है। बाराबंकी जिले से लखनऊ, गोंडा, बहराइच, फैजाबाद, गोरखपुर जैसी मंडियों में आम बेचा जाता है।
बाराबंकी में आम का कारोबार करने वाले मोहम्मद आलम के मुताबिक हम सालों से आम के बाग का काम कर रहे हैं। अगर असली आम देखना हो तो वो बाराबंकी में ही मिलेगा। आम की जो वैराइटी यहां मिलेंगी वो कहीं और नहीं मिलेंगी। मोहम्मद आलम ने बताया कि यकुति आम बाराबंकी की खास पैदावार है। इस आम की दूर-दूर तक चर्चा है। इसलिए व्यापारी और ग्राहक भी यहां के यकुति आमों को ज्यादा ज्यादा तरजीह देते हैं।