डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस,जूते,मोजे,स्वेटर आदि प्रदान किये गए। इसी के साथ ढांचागत सुविधा व शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार किया गया। विभाग की तरफ से अगले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश को टाॅप फाइव राज्यों की सूची में शामिल करने का मंसूबा बनाया गया है। प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इस लक्ष्य के दृष्टिगत अनेक सार्थक सुझाव दिए है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों का भी शैक्षणिक कैलेण्डर होना चाहिए,जिसमें पूरे साल पड़ने वाले राष्ट्रीय पर्व, महापुरूषों के जन्मदिन एवं त्योहारों का उल्लेख किया जाए। पहले भी कई अवसरों पर आनंदीबेन पटेल महापुरुषों से प्रेरणा लेने का संदेश देती रही है। उनका मानना है कि प्रारंभिक शिक्षा के लिए नींव का निर्माण करती है। इस आयु वर्ग के बच्चों में सीखने की क्षमता अधिक होती है।
ऐसे में उनको सही दिशा मिलनी चाहिए। उनकी आयु के अनुरूप सीखने का उचित तरीका होना चाहिए। इसके अनुरूप ही शिक्षकों का प्रशिक्षण होना चाहिए। उनको रोचक व सरल तरीके से अंक व अक्षर ज्ञान सीखने की विधि पर अमल करना चाहिए। आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा परिषदीय विद्यालयों से संबंधित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों के लिए परिवेश के अनुकूल पाठ्यक्रम निर्धारित करने पर बल दिया। इसके लिए अलग अलग विशेषज्ञों के माध्यम से संबंधित विषय का पाठ्यक्रम बनना चाहिए। बच्चों का मन चित्रों से अधिक प्रभावित होता है। आनन्दी बेन पटेल ने उनकी इसी भावना का उल्लेख किया। कहा कि पोस्टर व चित्रों के माध्यम से सीखाने का प्रयास करना चाहिए। उनको शिक्षा देने वाले पोस्टर व चित्र विद्यालय की दीवारों पर बनाये जायं। बच्चों के ड्राप आउट पर विशेष रूप से ध्यान देना आवश्यक है। बच्चों के साथ साथ उनके अभिभावकों को जागरूक करना चाहिए। यह प्रेरणा देनी चाहिए कि बच्चे बीच में पढ़ाई ना छोड़े।