डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हुई है,लेकिन स्वास्थ्य के दृष्टिगत यह समय निश्चिंत होने का नहीं है। तीसरी लहर की आशंका बताई जा रही है। इसके अलावा वर्षा काल में अनेक आदित्यनाथ आपदा प्रबंधन के अनेक मोर्चो पर एक साथ सक्रिय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश के कार्याें की सराहना की है। दुनिया व देश के कई राज्य कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं,तब देश का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश कोरोना महामारी की द्वितीय लहर को पूरी तरह नियंत्रित करने में काफी निकट है। लेकिन कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। इसलिए हमें बचाव के सभी नियमों का पालन करना होगा। कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में इन्सेफेलाइटिस सहित अनेक बीमारियों का प्रकोप रहता है। यद्यपि विगत चार वर्षों के दौरान इन बीमारियों को नियंत्रित करने में करीब नब्बे प्रतिशत तक सफलता मिली है। फिर भी यह संकट पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। सरकार का प्रयास है कि इन बीमारियों के चलते किसी को भी परेशानियों का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा वैक्सिनेशन के कार्य को भी तीव्रता से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास यहीं तक सीमित नहीं है। वह जीवन और आजीविका दोनों पर ध्यान दे रहे है। इसके लिए सरकार किसानों श्रमिकों रेहड़ी ठेला वालों सहित अन्य गरीबों को सहायता उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ व्यवस्था के अनेक मोर्चों पर एक साथ सक्रिय है। उन्होंने कहा कि बेहतरीन प्रबन्धन कोरोना से बचाव के लिए एक अहम हथियार है। उत्तर प्रदेश में टीम वर्क ने यह साबित करके दिखाया है। इन्सेफेलाइटिस का सफलतापूर्वक समाधान करने का कार्य रहा हो या कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने का,उत्तर प्रदेश का यह माॅडल देश दुनिया के सामने है। तीसरी लहर की आशंका ऐसे समय में व्यक्त की जा रही है,जब बारिश के कारण तमाम प्रकार की बीमारियां आती हैं। कोरोना जैसी महामारी हो या जलजनित व विषाणु जनित बीमारियां हों, इन सभी को नियंत्रित करने में स्वच्छता का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से स्वच्छता का जो मंत्र दिया है,वह बीमारियों को दूर करने में कारगर साबित हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से नारी गरिमा को भी सम्मान मिला है। योगी आदित्यनाथ ने दूसरी लहर के प्रबंधन व नियंत्रण के साथ ही तीसरी लहर के दृष्टिगत तैयारियां शुरू करा दी दी। लगभग साठ जनपदों की व्यवस्थाओं को उन्होंने जायजा लिया था। सुधार के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था।तीसरी लहर की सम्भावना विशेषज्ञों ने व्यक्त की है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने व्यापक कार्ययोजना के साथ तीसरी लहर के दृष्टिगत पूरी तैयारी शुरु कर दी है। चार चरणों में तीसरी लहर को रोकने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है। जिसमें पहले चरण में स्वच्छता सैनिटाइजेशन,फाॅगिंग व शुद्ध पेयजल को रखा गया है। अठारह से बारह वर्ष के बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है,जो शीघ्र ही उपलब्ध हो जाएगी।
कोरोना लक्षणयुक्त अठारह वर्ष आयु तक के बच्चों हेतु निःशुल्क दवाई किट उपलब्ध कराने के कार्य का शुभारम्भ योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया है। दूसरे चरण में बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए अभिभावक स्पेशल बूथ के माध्यम से वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है। तीसरे चरण के अन्तर्गत प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में सौ बेड के पीकू निर्माण की कार्यवाही युद्धस्तर पर की जा रही है। प्रत्येक मेडिकल काॅलेज में इसी माह सौ बेड के पीकू और आइसोलेशन वाॅर्ड स्थापित हो जाएंगे। जिला चिकित्सालय में भी करीब तीस बेड के पीकू और आइसोलेशन वाॅर्ड स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। कुछ दूर दराज की सीएचसी में भी इसे स्थापित कर रहे हैं। इसके साथ ही मैनपावर को प्रशिक्षित करने की कार्यवाही की जा रही है, जिसके अन्तर्गत पीडियाट्रिशियन्स, गायन्कोलाॅजिस्ट,हेल्थ वर्कर्स,पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ और हाउसकीपिंग को प्रशिक्षित किया जा रहा है। चैथे चरण के अन्तर्गत अठारह वर्ष से कम आयु के कोरोना लक्षणयुक्त बच्चों को चार वर्गाें में विभाजित किया गया है। प्रत्येक वर्ग हेतु अलग अलग प्रकार की मेडिसिन किट तैयार की गयी है। पचास लाख बच्चों को निःशुल्क मेडिसिन किट वितरित की जा रही हैं। कोरोना से बचाव व उपचार के लिए योगी आदित्यनाथ ने निगरानी समितियों को सक्रिय किया था। यह प्रयोग सार्थक रहा है। गांवों में कोरोना प्रसार को सीमित करने में इन निगरानी समितियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निगरानी समितियों ने गांवों को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसीलिए बच्चों की वैक्सीन आने से पहले मेडिसिन किट को गांव और मोहल्ले में वितरित करने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में बहत्तर हजार से अधिक निगरानी समितियां कार्य कर रही हैं। उप मुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित किया जा सका है। उन्होंने प्रदेश में एक टीम बनाकर विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित किया,जिसके कारण कोरोना को रोकने में सफलता मिली। तीसरी लहर की सम्भावनाओं के दृष्टिगत अभी से तैयारी प्रारम्भ कर दी गयी है। योगी आदित्यनाथ कोरोना पाॅजिटिव होने के बावजूद भी कार्य करते रहे। आबादी की दृष्टि से उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। कई देशों की आबादी भी इतनी नहीं है। प्रदेश में एक हजार मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन उपलब्ध करायी गयी। प्रदेश में सभी मेडिकल काॅलेजों में आक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किये जा रहे हैं। पोस्ट कोविड काॅम्प्लीकेशन्स के मरीजों के लिए भी निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में तीन लाख से अधिक कोरोना टेस्ट प्रतिदिन किये जा रहे हैं। इसमें भी पैसठ प्रतिशत से अधिक टेस्ट गांवों में हो रहे हैं।