सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात.
अप्रैल महीने में राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था और मानहानि के मामले में दी गई अधिकतम सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। हाई कोर्ट में मामला पहुंचने पर पहले एक जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। बाद में राहुल गांधी की अपील पर जस्टिस एम एम प्राच्छक ने सुनवाई की थी। इसमें राहुल गांधी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे और पूरे मामले में कोर्ट से राहत देते हुए अंतरिम ऑर्डर पास करने की अपील की थी। कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज करते हुए सीधे फैसला सुनाने की बात कही थी।
गौरतलब है की कर्नाटक में 2019 के चुनावी भाषण के दौरान मोदी सरनेम को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान को लेकर सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को 23 मार्च को 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी. राहुल गांधी ने इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट का रुख किया था. हालांकि, उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली. अब उन्हें हाईकोर्ट से भी झटका लगा है.
हाई कोर्ट के फैसले से नाराज कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन भी किया और यह भी कहा की जनता की अदालत और ऊपरी अदालत में यह लड़ाई जारी रहेगी