डॉ दिलीप अग्निहोत्री
बिहार में विपक्षी महागठबन्धन सुशासन चुनावी चर्चा से बाहर रखना चाहते थे। इसीलिए राहुल गांधी ने यहां चीन का मुद्दा उठाया,और तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट मीटिंग में दस लाख लोगों को नौकरी का वादा कर दिया। वस्तुतः यह मुद्दे राजग सरकार के सुशासन से ध्यान भटकाने के लिए थे। लेकिन यह दांव उल्टा पड़ा। चीन मुद्दे पर राहुल को करारा जबाब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया। दस लाख लोगों को रोजगार की बात तो समझ आती है। लेकिन सरकारी नौकरी तुरन्त देना असंभव है। बिहार में अभी करीब तीन लाख सरकारी नौकरी है। पहली कैबिनेट मीटिंग में इसे तीन गुना से अधिक बढ़ाना असंभव है। राजग ने रोजगार देने का वादा किया। यह व्यवहारिक हो सकता है।
राजनाथ सिंह ने बिहार में अनेक जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राजग सरकारें हवाई वादे नहीं करती है। उसकी सरकारों ने जो कहा है उसे करके दिखाया है। अनुच्छेद तीन सौ सत्तर को समाप्त कर दिया। अब अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर भी बन रहा है। जब राजीव गांधीजी देश के प्रधानमंत्री थे तो कहते थे कि दिल्ली से भेजे गए एक रुपया में से सिर्फ़ सोलह पैसे ही नीचे पहुँचते है। अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे के पूरे सौ पैसे नीचे तक पहुँचा रहे हैं।प्रधानमंत्री जनधन योजना के माध्यम से खाते खुले।देश के हर किसान को छह हजार रुपए वार्षिक की सम्मान निधि दी जा रही है।एक भी पैसा इधर उधर नहीं होता। राजग सरकार ने घर घर गैस सिलेंडर पहुँचाया है। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से ग़रीबों का पाँच लाख रुपए सालाना तक का मुफ़्त इलाज किया जा रहा है। बिहार में भी हज़ारों लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला है। राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि बिहार के मतदाता सुशासन को ही चुनेंगे। एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग की सरकार बनेगी।