डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दो गुना करने का लक्ष्य बनाया था। उनकी सरकार ने इस दिशा में अनेक कदम भी उठाए है। किसानों को अब तक का सर्वाधिक समर्थन मूल्य दिया गया। मृदा परीक्षण,खाद की उपलब्धता, जैविक कृषि को बढ़ावा आदि इसी दिशा में उठाये गए कदम है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किसानों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं लागू की है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने भी बहुत उपयोगी सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि किसान बहुत मेहनत से फसल उगाते है,लेकिन उसे बेचने के प्रति सजग नहीं रहते। लाभकारी मूल्य प्राप्त करने के लिए किसानों को किसान उत्पादक संगठन को अपनाना होगा। यह संगठन किसानी सोच को किसान व्यापारी सोच में परिवर्तित करता है।
प्रत्येक किसान को अपने आप को बदलना होगा किसान से किसान व्यापारी बनना ही होगा। इससे किसान अपनी उपज का लाभकारी मूल्य प्राप्त कर अपनी आय बढ़ा सकता है। इसी प्रकार पशुपालन को भी लाभप्रद बनाना आवश्यक है। इस दिशा में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों को योगदान देना चाहिए। पशुपालन से जुड़ी प्रत्येक विधा के विशेषज्ञ तैयार करने चाहिए। उन्नतिशील किस्म के दुधारू पशुधन भी तैयार करने होंगे। पशुपालन को रोजगार से भी जोड़ना होगा। पशुपालन सीमित कृषि योग्य भूमि की चुनौती का सामना करने में बहुत सहायक होगी। किसानों की आय को दोगुना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
इसके पहले राज्यपाल ने पण्डित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान,मथुरा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपक्रम राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना’ के अन्तर्गत 23.75 करोड़ रूपये लागत की संस्थागत विकास योजना का आनलाइन शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर शिक्षकों को नई विधाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। प्रशिक्षण व्यवस्था ज्ञानार्जन व ज्ञानवर्धन में अवसर देने वाली होनी चाहिए।अवरोध पैदा न हो। उपाधि प्राप्त करने के बाद कृषि विद्यार्थी को उद्यमशील होना चाहिए। जिसके बल पर वह कृषि के साथ ही राष्ट्र निर्माण में भी सकारात्मक योगदान दे सकेंगे। विद्यार्थियों को अपने कृषि ज्ञान का प्रयोग स्वयं के खेत में करके दूसरों को रोजगार देने का भी कार्य करना चाहिए।