लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह की रिपोर्ट..
लाक डाउन में जब आप घरों में बंद हैं और समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें तो उसका बहुत ही आसान रास्ता सुझाया है देश के जाने-माने कृषि वैज्ञानिक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक उद्यान डॉ एके सिंह ने कि आप अपने घरों में ही माइक्रो ग्रींस की खेती कर १४ दिनों में पैदावार ले सकते हैं। इसके लिए किसी अतिरिक्त इंतजाम की आवश्यकता नहीं है। इससे जहां आप मानसिक सुकून पाएंगे वहीं सेहत को बेहतर रखने वाले पूरी तरह आर्गेनिक उत्पाद प्राप्त करेंगे। यह आपकी सेहत को बेहतर रखने के साथ ही इम्यूनिटी मजबूत करेगा।
डाक्टर सिंह का कहना है कि माइक्रो ग्रींस के लिए आप प्लास्टिक के ट्रे या शीशे के बड़े जार आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। धनिया, पुदीना, मूंग,सौंफ, मेथी, गेहूं, जौ आदि को हम अपने ड्राइंग रूम या छाया वाले स्थान में ही तैयार कर सकते हैं। इसे धूप की आवश्यकता नहीं होती। आपके खाने का स्वाद भी बढ़ेगा और आप सेहतमंद भी होंगे। इन दिनों जब घर के सभी सदस्य घर में मौजूद है तब इस तरह के प्रयोग खासकर बच्चों को प्रेरित करने के साथ उनके दृष्टिकोण को रचनात्मक बना देते हैं।
लॉक डाउन के दौरान माइक्रोग्रीन्स के बीज नहीं मिल पाएंगे लेकिन घर में उपलब्ध मेथी, मटर, मसूर, मूंग, चने की दाल को स्प्राउट्स के जगह माइक्रोग्रीन्स से रूप में उगाया जा सकता है।
यदि आप चाहें तो इन्हें 2 से 3 इंच से अधिक उचाई तक बढ़ने दे सकते हैं| इन्हें उगाना आसान है और यह विभिन्न व्यंजनों के अलावा सलाद एवं सैंडविच में भी उपयोग में लाया जा सकता है। मिट्टी का उपयोग दोबारा किया जा सकता है।
“माइक्रोग्रीन्स को बिना मिट्टी के भी उगाया जा सकता है। कई लोग इन्हें पानी में ही उगाया करते हैं लेकिन पोषक तत्वों के घोल का उपयोग करके अच्छे क्वालिटी के माइक्रोग्रीन्स का उत्पादन किया जा सकता है।”