डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

लखनऊ की पुरानी तहजीब और जीवन शैली को लोग आज भी याद करते है। इसकी चर्चा पूरे देश में होती थी। तागें की सवारी करने वाले वरिष्ठजनों की स्मृति में यह सब अंकित है। लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना और विकास उसी दौर में हुआ। शताब्दी समारोह में इसकी भी दिलचस्प झलक दिखाई दी। शताब्दी समारोह के अंतर्गत द्वितीय हेरीटेज वॉक का प्रारंभ भाऊराव देवरस द्वार से प्रारंभ हुआ। इस हेरिटेज वॉक के मुख्य आकर्षण स्पेन से आये हुए अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक जो कि कोविड-19 के बाद प्रतिबंधों में ढील के बाद लखनऊ आये हुए पहले विदेशी पर्यटक नतालिया एना गोमेज एवं रौओल डेला रोज थे। दोनों ने तांगे पर बैठ के लखनऊ विश्विद्यालय परिसर की सैर की और विश्विद्यालय के इतिहास,वास्तुकला और जुड़े हुए किस्से कहानियों को सुना साथ में नतालिया एना गोमेज ने परिसर धरोहरों को अपने कैमरे में कैद किया।

लगभग एक घण्टे के समय में उन्होंने आर्ट्स फैकल्टी,प्रेमचंद वाटिका,आर्ट्स quadrangle, लाल बारादरी,टैगोर लाइब्रेरी को देखा। इंस्टिट्यूट ऑफ़ टूरिज्म स्टडीज की कोऑर्डिनेटर डॉ अनुपमा श्रीवास्तव ने बताया कि जब उन्हें पता लगा कि दोनों विदेशी पर्यटक विश्विद्यालय देखना चाहते हैं, तो डॉअनुपमा जी ने दोनों पर्यटकों को विश्विद्यालय की हेरिटेज वॉक के लिये आमंत्रित कर लिया,अन्य महत्वपूर्ण अतिथियों में ओमान एयर के मैनेजर इंडिया समीर शर्मा, आमिर नजर के एमडी ट्रैवेल हेल्प एवं कुछ स्थानीय नागरिक छात्र एवं अध्यापक गण भी मौजूद रहे। इन विदेशी पर्यटकों का लखनऊ भ्रमण का कार्यक्रम वाल्ट्स टूर्स एंड ट्रेवल्स के एमडी अजय जैन देख रहे थे।

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