डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

कोरोना काल में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा योग के विषय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये गए थे। इसमें बच्चों से लेकर वृद्ध व यहां रुके विदेशी नागरिक भी सहभागी हुए थे। जागरूकता के दृष्टिगत शताब्दी समारोह में भी योग को सम्मलित किया गया। इसी लिए शताब्दी उत्सव के दौरान समग्र स्वास्थ्य एवं व्यक्त्वि विकास के लिए आज को छत्रपति शिवाजी महाराज स्टेडियम, लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रातः योग शिविर का आयोजन किया गया। इसमें कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय भी सम्मलित हुए। उन्होंने विद्यार्थियों सहित अन्य सभी लोगों से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का आह्वान किया। योग से सम्बंधित निर्देश प्रदान किये।

योग शिविर के दौरान शारिरिक स्वास्थ्य के लिए ताड़ासन, धनुरासन,भुजंगासन, पवनमुक्तासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन आदि का प्रतिभागियों को अभ्यास करवाया गया। मानसिक स्वास्थ्य के विकास के लिए पद्मासन,नाड़ी शोधन, भस्त्रिका,एवं उज्जायी इत्यादि प्रणायमो का अभ्यास योग प्रशिक्षकों द्वारा करवाया गया। सन्तुलित जीवन के लिए आध्यात्मिक स्वास्थ्य का बना रहना जीवन मे आवश्यक होता है इस हेतु ध्यान के सत्र के साथ ही साथ योग निद्रा व अन्य ध्यानात्मक आसनों का अभ्यास कराया गया। योग शिक्षक डॉ अमजीत यादव ने बताया कि योग जीवन के लिए उपयोगी एवं समग्र जीवन पद्धति के लिए लाभदायक है। वर्तमान कोरोना महामारी के दौर में योगासन,प्राणायाम, षट्कर्म,एवं योगिक आहार मनुष्य की इम्युनिटी को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण साधन है। योग शिविर में जनसमान्य योग के छात्र-छात्राएं तथा विश्विद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।

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