डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश सरकार पौधरोपण का अभूतपूर्व अभियान शुरू कर रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश में पच्चीस करोड़ पौधे रोपित किये जायेगे। इसके अनुरूप प्रदेश में पर्यावरण जागरूकता का माहौल अभी से बन रहा है। वैसे भी जुलाई के पहला हफ्ता वन महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच जुलाई को मेरठ में पौधरोपण करेंगे। वैसे पिछले कुछ दिनों में वह जिस जनपद में गए,वहां पौधरोपण करके एक सन्देश भी दे रहे है। अयोध्या धाम और झांसी में उन्होंने पौधरोपण करके अभियान की पूर्व तैयारियों के प्रति लोगों को जागरूक किया है। इधर लखनऊ विश्वविद्यालय ने भी अपने को पर्यावरण व पौधारोपण अभियान से खुद को जोड़ा है। इसके साथ ही यह विश्वविद्यालय अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष भी मना रहा है। शिक्षण संस्थानों में होने वाले ऐसे कार्यक्रम अंनत विद्यार्थीयों को प्रेरणा देते है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर में तीन नए उद्यान स्थापित किए हैं। इन उद्यानों को प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले पौधों और पेड़ों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह सभी सौ साल के संस्थान की सामूहिक मनोदशा और सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए तैयार हैं। बगीचों को ‘पंचवटी’,’नवग्रह’और ‘औषधीय’ वाटिका नाम दिया गया है। प्रत्येक वाटिका में ऐसे पौधे और पेड़ हैं जिनका उल्लेख हमारे सबसे प्राचीन और पवित्र ग्रंथों में मिलता है। कुलपति महोदय प्रो आलोक कुमार राय ने आज विभिन्न वाटिकाओं में एक एक पेड़ लगाया।औषधीय पौधे और पारंपरिक ज्ञान पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर प्रो दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रो नीरज जैन,प्रो पूनम टंडन, प्रो मनुका खन्ना,प्रो नलिनी पांडेय प्रो ध्रुवसेन सिंह,प्रो एएम सक्सेना,प्रो देश दीपक,प्रो.अमित कन्नौजिया भी उपस्थित थे।
सेवा निवृत्त शिक्षकों का सम्मान
इसके अलावा कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने आज एक नई परम्परा की शुरुआत की। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से 30 जून 2020 को सेवानिवृत्त शिक्षकों को उन्होंने सम्मानित किया। विश्वविद्यालय उमा हरिकृष्ण अवस्थी सभागार में सेवानिवृत्त शिक्षकों को स्मृति चिह्न एवं शाल देकर सम्मानित किया। सेवानिवृत्त शिक्षकों में प्रो शेषु लवानिया,(वनस्पति विज्ञान), प्रो पद्मकान्त (रसायन विज्ञान), प्रो आर एम नायक (रसायन विज्ञान), प्रो वी एस यादव (रसायन विज्ञान), प्रो जे के शर्मा (व्यापार प्रशासन) एवं प्रो राजीव शरण (राजनीति विज्ञान) को सम्मानित किया गया।
प्रो आशुतोष मिश्र (राजनीति विज्ञान), एवम प्रो नूपुर सेन (शिक्षा शास्त्र) भी 30 जून को सेवानिवृत्त हुए किंतु अस्वस्थता के कारण विश्वविद्यालय नही आ पाए।