मिल गया तो पल भर में वरना समय लग सकता है पर्दाफाश में
सलिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार, मिर्जापुर.
मिर्जापुर । भारी मशक्कत के बावजूद पुलिस चुनार के इस्पात फैक्ट्री के इंजीनियर के कातिलों तक अंतिम पायदान तक नहीं पहुँच पाई है। इसमें आड़े वह पिस्टल है, जिसके प्रयोग से इंजीनियर का शरीर चिथड़े-चिथड़े हो गया था । पुलिस उस पिस्टल के बिना यदि केस वर्कआउट करती हैं तो उसकी धाक जम नहीं पाएगी लिहाजा केस से पर्दा हटने में अभी समय लग सकता है।
पुलिस असलियत जान गई है
चालाक से चालाक अपराधी कोई भी कांड करे लेकिन कुछ ऐसा निशान छोड़ जाता है जिसके सहारे पुलिस जब मन लगाती है तो उसे मालूम हो ही जाता है कि अपराधी कौन था और उसका इरादा क्या था ? रही जगजाहिर करने की बात तो उसमें कानूनी पेंच और तमाम अन्य कारण ऐसे भी आ जाते हैं, जिसके चलते केस का रूप-स्वरूप बदल भी जाता है।
इंजीनियर कांड की तस्वीर?
इस मामले में हत्या के कारणों की तस्वीर धीरे-धीरे साफ होती नजर आ रही है। पूछताछ के लिए पकड़े गए अनेक सशंकितों के बयानों के आधार पर पुलिस तार से तार पिछले 3 दिनों से जोड़ रही है। इस अभियान से जो कारण समझ में आ रहे हैं, वे चौकाने वाले भी हो सकते हैं लेकिन प्रथम दृष्टया धाक जमाने की कोशिश का बिंदु ही केंद्र में सुनाई पड़ रहा है । पब्लिक द्वारा अनुमानित अनेकानेक पहलुओं की जगह पुलिस कुछ ही बिंदु पर सिमटती लग रही है। अंतिम रिजल्ट तो पुलिस को ही देना है। पुलिस के एलान के बाद सभी आकलन सिर्फ दिमाग का फितूर हो जाएगा ।
कहां है पिस्टल?
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सिर्फ दरोगा स्तर की जांच होती तो पुलिस जांच में प्रयुक्त असलहे में दो और दो का योग पांच कर सकती थी लेकिन उच्च से उच्च पुलिस अधिकारियों की जांच का स्क्रू कहीं ढीला न रहे, इसके लिए 9MM का वही पिस्तौल पुलिस को चाहिए जिसके सहारे अपराधियों ने पुलिस की हनक को तार-तार किया है।
समय लगेगा?
इन सारी परिस्थितियों के चलते केस के वर्कआउट में एक पल भी लग सकता है तो एक सप्ताह और एक महीना भी लग सकता है। ऐसा पुलिस की कार्यप्रणाली से परिचितों का दावा है।
जिले में कोरोना के प्रकोप से लालगंज में 4 साल का बालक, बिहियापुर, अघवार में 17 साल का किशोर, चपउर खुर्द में 21 साल का युवक तथा बास्थान, चील्ह में 60 साल का पिता, 35 साल की बहू। तथा 14 साल का पौत्र पॉजिटिव हुआ है। नगर के लालबाग कालोनी में 42 साल की महिला संक्रमित हुई है। कुल 17 केस दर्ज हुए हैं।