अनोखा- कुत्तों से एक घंटे में लगभग 250 लोगों में वायरस डीटेक्सन का काम करने की क्षमता
कोरोना वायरस का सूंघकर पता लगाने वाले कुत्तों की ब्रिटेन में ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. अब मरीजों के कोरोना पॉजिटिव लक्षणों की पहचान के लिए जल्दी ही एक ट्रायल शुरू किया जाएगा, जिसके लिए सरकार करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करेगी.
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के लक्षणों की पहचान के लिए कुत्तों पर किए जाने वाले इस ट्रायल में कामयाबी मिली तो शोध की दुनिया में इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जाएगा.
इस ट्रायल की कमान लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम), चैरिटी मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स और डरहम यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के हाथों में होगी. एलएसएचटीएम के प्रोफेसर जेम्स लोगन को इस ट्रायल से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं.
शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में दावा किया है कि यदि ट्रायल में सफलता मिली तो कुत्ते एक घंटे में तकरीबन 250 लोगों में वायरस डिटेक्शन का काम कर पाएंगे. जिन रोगियों के शरीर में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते हैं, कुत्ते वहां भी अपना चमत्कार दिखा सकते हैं.
इस तरह देखा जाए तो कोरोना की पहचान करने में ये कुत्ते टेस्टिंग किट से भी कहीं ज्यादा तेज हो सकते हैं. लैब में कोरोना की एक टेस्टिंग में तकरीबन 5 से 6 घंटे का समय लगता है. बाकी प्रोसेस पूरे होने के बाद कई घंटों में इसकी रिपोर्ट मिलती है.
माना जाता है कि कुत्तों की नाक में इंसान की तुलना 10 हजार गुना ज्यादा तेज सूंघने की शक्ति होती है. लैब्राडोर्स और कूकर स्पैनियल्स जैसी कुत्तों की विशेष प्रजातियां पहले भी कैंसर, मलेरिया और पार्किंसन जैसी बीमारियों का इंसान के शरीर में पता लगाने का काम कर चुकी हैं.
डरहम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीव लिंडसे ने बताया था कि कोरोना वायरस की बीमारी को फिर से उभरने से रोकने में कुत्ते काफी कारगर साबित हो सकते हैं. कुत्तों को डिटेक्शन के लिए उनकी तैनाती एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील सार्वजनिक स्थानों पर की जाती है. कुत्ते ड्रग्स और विस्फोटकों को सूंघकर पता लगाने की क्षमता रखते हैं.
श्वास क्रियाओं से जुड़े कुछ रोग अपने दुर्गन्ध बदलने के लिए भी जाने जाते हैं, इसलिए इस ट्रायल में कुत्तों के सामने बड़ी चुनौती भी होगी. हालांकि कुत्ते की नाक से बच पाना वायरस के लिए भी आसान नहीं होगा.
शोध में बताया गया कि गंध को पहचानने में कुत्तों की नाक इतनी ज्यादा तेज होती है कि अगर आप ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल में एक चम्मच चीनी भी घोल दें तो उसका भी पता ये कुत्ते बड़ी आसानी से लगा सकते हैं.