अमरदीप सिंह, संवाददाता, गुजरात

 

कोरोना महामारी के दौरान गुजरात में फर्जी डॉक्टरों की जैसे बाढ़ आ गई है। बीते ३ माह में पुलिस ने सैकड़ो मुन्ना भाई एमबीबीएस की धरपकड़ की है। गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग तथा गुजरात पुलिस को लगातार फर्जी डॉक्टरों के बारे में मिल रही शिकायतों के बाद प्रदेश के ग्रामीण वह कस्बाई इलाकों में फर्जी डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया। कोरोना में डिग्री न होने के बावजूद पैसा कमाने के लिए अस्पताल खोलने के आरोप में कुल 221 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है. गुजरात पुलिस ने तीन महीने तक अभियान चलाया। ड्रग्स विभाग एवं पुलिस अधिकारियों ने इनके पास से एलोपैथिक दवाएं इंजेक्शन तथा नकदी के अलावा कई तरह के मेडिकल उपकरण जप्त किए।

कोरोना काल में एक तरफ जहा डॉ मरीजों को देखने से कतरा रहे है वही बोगस डाक्टरों की बाढ़ ही आ गयी थी , बिना डिग्री के सैकड़ो डाक्टर गांव और कस्बो में इलाज़ के नाम पर लोगो की जान से खिलवाड़ करने दवाखाने खोल मरीजों की ट्रीटमेंट करने लगे थे। पिछले अप्रैल में जब कोरोना ने सत्ता संभाली तो कई फर्जी डॉक्टरों ने रातों-रात पैसा कमाने के लिए अस्पताल खोल दिए। राज्य के ग्रामीण इलाको में एक दो नहीं सैकड़ो इस तरह के छोला छाप डाक्टरों के दवाखाने के खबरे सामने आने लगी , मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आया जिसने पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
राज्य सरकार के निर्देश के बाद राज्य के पुलिस मुखिया ने कमान संभाली और सभी जिले के ग्रामीण इलाको में एक मुहीम चलाई गई जगह जगह मेडिकल अफसर को साथ रख छापे मारे गए और पिछले कुछ दिनों में गुजरात पोलिस ने २२१ बोगस डाक्टरों को गिरफ्तार कर लिया। ख़ास कर उत्तर गुजरात तथा सौराष्ट्र में बड़ी संख्या में फर्जी डॉक्टर पकड़े गए। भरूच और बनासकांठा में सबसे ज्यादा छोला छाप डॉक्टर मिले , भरुच में सबसे अधिक 28 फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा गया
सुचना के मुताबिक पकड़े गए 221 फर्जी डॉक्टरों में से 185 पर आरोप तय होने की प्रक्रिया में है. बाकी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली गई है। सबसे ज्यादा 28 डॉक्टर भरूच जिले से और 27 डॉक्टर बनासकांठा जिले से गिरफ्तार किए गए। अहमदाबाद,  शहर में 7, गांधीनगर और वडोदरा शहर में 3, राजकोट में 8, सूरत ग्रामीण और आणंद में 9, वलसाड और अहमदाबाद ग्रामीण क्षेत्र में 10, बोटाद, भावनगर, खेड़ा में 1-1, पूर्वी कच्छ, पाटन और 6-6 में मेहसाणा, पंचमहल, पोरबंदर और साबरकांठा में 4, महिसागर जिले से दो, दाहोद, नवसारी, गिरसोमनाथ और पश्चिम कच्छ से पांच-पांच, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, जामनगर, मोरबी और राजकोट गांव से दो-दो, सुरेंद्रनगर के आठ फर्जी डॉक्टर। राज्य में फर्जी डॉक्टरों की गिरफ्तारी का सिलसिला अभी भी जारी है।

 

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