डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लॉक डाउन के प्रारम्भ से लखनऊ विश्वविद्यालय अकादमिक,जागरूकता व राहत कार्यो का संचालन कर रहा है। कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने विश्वविद्यालय द्वारा इस आपदा काल में उठाए गए इनीशिएटिव्स से लोगों को अवगत कराया। इस क्रम में उन्होंने जीव विज्ञान द्वारा आयोजित बेबीनार का उद्घाटन किया। कहा कि वैश्विक महामारी के विचार हेतु यह वेबीनार बहुत ही समसामयिक आवश्यक प्रयास है।अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो उमेश शुक्ला ने बेबीनार के उद्देश्यों का उल्लेख किया। विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर मल्होत्रा ने पार्टिसिपेंट्स को इस वेबीनार के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि दो दिवसीय वेबीनार में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ताओं द्वारा इस वैश्विक महामारी के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा।
कोरोना से बचाव और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के संबन्ध में भी जानकारी मिलेगी। प्रो नीलम सिंह सांगवान विभागाध्यक्ष जीव रसायन विज्ञान विभाग सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हरयाणा ने करोना वायरस के इलाज में प्रयुक्त होने वाली ट्रेडिशनल मेडिसिन तथा औषधि पौधों के प्रयोग पर विचार व्यक्त किये। भोपाल स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो मनोज कुमार त्रिपाठी ने वैश्विक महामारी के प्रकोप से बचने के लिए तथा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के फंक्शनल फोर्स एवं न्यूट्रास्यूटिकल्स के बारे में में बताया।
डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के जीव रसायन विज्ञान विभाग की प्रो नीलम पाठक ने आर्यन ए वायरस जैसे एचआईवी एवं कारोना आणविक संरचना एवं जिनिटेक्स के बारे में बताया। नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी शिलांग के जीव रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर त्रिपाठी द्वारा चौकी में पिछले सत्तर सालों में किए गए विभिन्न प्रयोग एवं उपयोगिता के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया गया।