कोरोना वायरस की मार तो पूरा विश्व झेल रहा है लेकिन दो महीने के लॉकडाउन से देश में आम आदमी की जीविका पर भारी असर पड़ा है. खासकर छोटे कारोबारियों, नौकरीपेशा ,प्रवासी मजदूर और मूर्ति बनाने वाले कलाकारों के जीवन के सामने अंधेरा दिख रहा है. हालांकि केंद्र सरकार के एक नए फैसले ने मूर्ति बनाने वाले कलाकारों को फौरी राहत दे जरूर दे दी है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गणपति की मूर्ति बनाने में प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) पर लगी रोक एक साल के लिए हटा दी है. यानी प्लास्टर ऑफ पेरिस के प्रयोग पर लगने वाली रोक अगले साल से लागू होगी.
इससे पहले सरकार ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से परेशान कलाकारों को राहत देने के लिए सरकार ने इस निर्णय को एक साल के लिए टालने का फैसला किया है.
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी साझा करते हुए लिखा, ‘गणेश मूर्ति के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस पर पाबंदी का निर्णय एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है. इससे इस साल जिनकी मूर्तियां बनी हैं उनको नुकसान नहीं होगा.”
इस फैसले से उन कलाकारों को राहत मिलेगी, जिन्होंने मूर्तियां बनाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस खरीद ली थी. या गणेश पूजा और दुर्गा पूजा को देखते हुए मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया था.
हालांकि कलाकारों के लिए अभी भी मजदूरों की कमी एक समस्या रहेगी. क्योंकि 21 अगस्त को गणपति उत्सव का पहला दिन है और लॉकडाउन की वजह से काम शुरू करने में पहले ही काफी देरी हो चुकी है.
रेशमा खाटू ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, ’21 अगस्त गणपति उत्सव का पहला दिन है. समय भाग रहा है, अब तक हम असल में मूर्तियां बनाना शुरू कर देते थे, लेकिन इस बार ऑर्डर तो भूल जाइए, हमें मूर्तियां बनाने के लिए जमीन तक नहीं मिली है. हमारे पास कच्चा माल नहीं है. कच्चा माल अन्य राज्यों से आता है. उसका भी इंतजाम कर लिया जाए तो मजदूर कहां से मिलेंगे. 50 फीसदी से ज्यादा मजदूर वापस चले गए हैं.’
रेशमा खाटू का कहना है, ‘बड़े गणपति आकर्षक होते हैं. उन्हें आप अकेले नहीं पकड़ सकते, इसके लिए लोगों के घर से बाहर निकलने की आवश्यकता होगी. ऐसे में हमें समझदार होना होगा और घरों के अंदर ही रहना होगा. अगर इस साल हम घर में त्योहार मनाते हैं तो अगले साल सब सही होने पर भव्य स्तर पर गणपति उत्सव मनाएंगे. छोटी और इको फ्रेंडली गणेश मूर्तियों से स्थानीय कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. हमें यह समझना होगा कि इस साल हम गणपति उत्सव मनाने सड़क पर नहीं आ सकते.