राजभवन में गणतंत्र दिवस सांस्कृतिक संध्या आयोजित हुई. देर शाम तक चले इस कार्यक्रम में राजभवन के अधिकारियों कर्मचारियों और यहाँ के अध्यासितों के बच्चों के साथ-साथ नृत्य, संगीत एवं अभिनय कि शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने भी देश-प्रेम से ओत-प्रोत गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने मटकी में जलधारा पावाहित कर जल संरक्षण के संदेश के साथ किया। उन्होंने सभी प्रतिभागी बच्चों के बेहतरीन प्रस्तुतिकरण की प्रशंसा की। कहा कि पिछले तीन सालों से राजभवन के बच्चों द्वारा साँस्कृतिक प्रस्तुतिकरण की परम्परा प्रारम्भ की गई थी। तब से अब तक बच्चों की प्रस्तुतियों में दक्ष कलाकार के स्तर तक बेहतर हो गई है।
स्वतंत्रता सेनानियों के जुनून को लेकर कानपुर के समीप बागी सैैनिक की कहानी पर प्रस्तुत नाट्य प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ये स्वतंत्रता सेनानियों के उस जुनून की वास्तविक प्रस्तुति है। हमें याद रखना चाहिए कि सबकी सामूहिक लड़ाई से ही ये आजादी प्राप्त हुई है। इसे बनाए रखने, देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हमारी है। हमें भेदभाव रहित समाज बनाना है और सिर्फ देश के विकास के लिए ही प्रयास करना है।
बच्चों की सामूहिक प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए
राज्यपाल ने बच्चों की भेदभाव रहित निर्मल भावना की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोई ऊँच नीच नही होता। परिवार के बड़े लोग ही उन्हें ये भेदभाव सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सभी को समान अधिकार देता है। संविधान हमें समानता, सहिष्णुता, देशभक्ति और सद्भावना सिखाता है। हम सब इसी भाव को लेकर आगे बढ़ें।