अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)
- द्वारकादास जे. सांघवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की रोवर टीम है “ डी.जे.स अंतरिक्ष “
द्वारकादास जे. सांघवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (विले पार्ले) की रोवर टीम “डी.जे.स अंतरिक्ष” ने
इंटरनेशनल प्लेनेटरी एरियल सिस्टम्स चैलेंज (आई.पी.ए.एस.सी) में एशिया में प्रथम स्थान और विश्व भर में द्वितीय स्थान हासिल करने का गौरव प्राप्त किया है . इस चुनौती का आयोजन मार्स सोसाइटी साउथ एशिया ने किया था.
चुनौती का उद्देश्य छात्रों को अंतरिक्ष सहायक मानव रहित हवाई वाहन (यू.ए.वी) डिजाइन करने के लिए प्रोत्साहित करना था. जिसे U.A.V मंगल ग्रह पर ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और मिशन के लिए तैयार होना चाहिए . प्रतियोगिता में विभिन्न देशों की कुल 26 टीमों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था . सभी टीमों को एक इंजीनियरिंग डिजाइन रिपोर्ट (ई.डी.आर) प्रस्तुत करनी थी, जिसमें प्रत्येक मिशन और इसकी तकनीक के बारे में विस्तार से बताना था.
टीम डी.जे.स अंतरिक्ष ने सफलतापूर्वक “त्रियान” डिजाइन किया . यह एक कुशल मानव रहित हवाई वाहन था जो तीन प्रमुख कार्यों को करने के लिए बनाया गया है और मंगल ग्रह पर हवाई क्षेत्र के दौरान इलाके के कुछ विश्लेषण करके अंतरिक्ष यात्रियों की सहायता करता है. प्रतियोगिता अत्यंत कठिन थी और यह पहली बार था जब टीम डी.जे.स अंतरिक्ष ने एक U.A.V डिजाइन किया था .
बता दें कि एक साल में ही यह उनकी दूसरी बड़ी जीत है, वे सितंबर 2020 में आयोजित यूरोपियन रोवर चैलेंज में भी एशिया में प्रथम स्थान पर रहे थे. टीम 2019 के अंत में स्थापित की गई थी और उन्होंने प्रमुख रूप से ऑनलाइन काम किया है.
“ऐसी अद्भुत टीमों और प्रतिभाशाली व्यक्तियों के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना जीवनभर का अनुभव था। हमने सीखने के लिए प्रतियोगिता में भाग लिया था, लेकिन इसमें से कुछ जीतना पूरी टीम के लिए काफी उत्साहवर्धक रहा. हम कई और चुनौतियों में भाग लेने और देश को गौरवान्वित करने के लिए उत्सुक हैं ”, इस टीम के एक सदस्य ने बातचीत में कहा।