डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

विकसित देशों ने अपनी विकास यात्रा में हेल्थ सेक्टर को भी प्रमुखता से शामिल किया था। वहां के चुनावों में आज भी यह प्रमुख मुद्दा बनता है। इसके प्रति तनिक भी लापरवाही सत्ता पक्ष पर भारी पड़ती है। दूसरी तरफ भारत में दशकों तक इस क्षेत्र की उपेक्षा की गई। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया। यह सही है कोरोना संकट अप्रत्याशित था। एक सदी में ऐसी महामारी नहीं आई थी। उसके पहले प्लेग का प्रकोप आया था। इसकी जानकारी किताबों से मिलती है। कोरोना से मुकाबले के लिए दुनिया तैयार नहीं थी। इस दौरान भी नरेंद्र मोदी सरकार ने युद्ध स्तर पर प्रयास किये। नरेंद्र मोदी ने चिकित्सकों को संबोधित किया। कोरोना काल में उनकी सेवाओं को सराहनीय बताया। इसी क्रम में उन्होंने अपनी सरकार की चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धियां बताई। कहा कि स्वास्थ्य सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। कोरोना की पहली लहर के दौरान हमने अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पन्द्रह हजार करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस साल स्वास्थ्य सेवा के लिए दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटन है। पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर उचित ध्यान नहीं दिया था। दशकों तक मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ नहीं बनाया गया। वर्तमान सरकार का फोकस मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पचास हजार करोड़ रुपये की एक क्रेडिट गारंटी स्कीम शुरू की गई। अब देश में तेजी से नए एम्स खोले जा रहे हैं। नए मेडिकल कॉलेज बनाएं जा रहे हैं। आधुनिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के पहले तक देश में केवल छह एम्स थे। विगत सात वर्षों में पन्द्रह एम्स का काम शुरू हुआ।।मेडिकल कॉलेज की संख्या भी लगभग डेढ़ गुना बढ़ी है।
डॉक्टर्स डे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने योग को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर योग का अध्ययन करते हैं,तो पूरी दुनिया इसे और अधिक गंभीरता से लेती है।

वैद्यो नारायणो हरिः

चिकित्सक दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने प्राचीन भारत की सूक्ति का उल्लेख किया। जिसमें कहा गया-वैद्यो नारायणो हरिः। भारतीय समाज में चिकित्सकों को बहुत सम्मान और आदर से देखा जाता है। उपराष्ट्रपति ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे मरीजों का उपचार करते हुये उनके प्रति लगाव से काम लें।

सेव दी सेवियर

इस वर्ष चिकित्सक दिवस की विषयवस्तुसेव दी सेवियर अर्थात रक्षकों की रक्षा है। उपराष्ट्रपति ने इसका भी उल्लेख किया। कहा कि लोगों के कल्याण और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की बहुत आवश्यकता है। यही चिकित्सक कोरोना की अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपदा के दौरान इस विपत्ति से हमें बचा रहे हैं। देश की ज्ञान की आंतरिक शक्ति और प्रशिक्षित श्रमशक्ति के सिलसिले में वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं और डॉक्टरों की सराहना की, जिन्होंने वक्त से टक्कर लेते हुये सुरक्षित और कारगर वैक्सीनें विकसित कीं और पीपीई किट,टेस्टिंग किट और वेंटीलेटर्स जैसे जरूरी साजो सामान तैयार किये। उन्होंने कहा कि कुछ वर्गों में व्याप्त टीके के प्रति भय को भी दूर करना होगा तथा टीकाकरण अभियान को सच्चे अखिल भारतीय अभियान बनाना होगा।

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