डॉ दिलीप अग्निहोत्री
केंद्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार वंचित वर्ग के प्रति समर्पित है। गरीबों के कल्याण हेतु अनेक योजनाओं को लागू किया गया। इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे है। इस क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल हुई है। कोरोना आपदा काल में करोड़ों गरीब परिवारों को सीधे राहत पहुंचाई गई। उनकी पेंशन के साथ ही भरण पोषण भत्ते की पूरी धनराशि जनधन खाते के माध्यम से पहुंचाई गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का एक भाग है। शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का एक हिस्सा है। सरकार समाज की सबसे कमजोर कड़ी को मजबूत बनाने का कार्य कर रही है। समाज को आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया जा रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने का आधार है। योगी ने कहा कि वर्तमान सरकार नर को नारायण से जोड़कर उनकी सेवा कर रही है। किसी निराश्रित या दिव्यांग के जीवन में शासन की योजनाओं के माध्यम से खुशहाली लाने अन्तरात्मा प्रसन्न होती है। सामाजिक पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत वृद्धावस्था।निराश्रित महिला दिव्यांगजन तथा कुष्ठावस्था पेंशन की कुल तेरह सौ करोड़ रुपये से अधिक की द्वितीय किश्त करीब सत्तासी लाख लाभार्थियों को ऑनलाइन हस्तांतरित की। यह पेंशन धनराशि लाभार्थियों को उनके सामान्य भरण पोषण के लिए प्रदान की गई। सरकार ने कोरोना काल मे कोई ना रहे भूखा अभियान शुरू किया था। जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे,उनके तत्काल राशन कार्ड बनाकर खाद्यान्न उपलब्ध कराया कराया गया। अप्रैल से प्रत्येक माह में दो बार पात्र लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मिले। यदि किसी परिस्थितिवश किसी व्यक्ति के पास कोई भी स्वास्थ्य योजना का कार्ड नहीं है, तो ऐसी स्थिति में उसे उपचार हेतु एक रुपये की राशि ग्राम प्रधान निधि या नगर निकाय निधि से उपलब्ध कराने की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार बिना भेदभाव के सभी पात्र व्यक्तियों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने का कार्य कर रही है। योगी ने कहा कि यदि दुर्भाग्य से किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और अन्तिम संस्कार हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वह ग्राम प्रधान निधि अथवा नगर निकाय निधि से पांच हजार रुपये की व्यवस्था करके अन्तिम संस्कार सम्पन्न करायें। निराश्रित महिलाओं व महिला स्वयं सहायता समूहों को रचनात्मक कार्याें से जोड़कर ही उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलने वाला बाल पुष्टाहार महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वितरित करने का प्रयास किया जा रहा है।