अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)
चांदनी बार फिल्म की दीपा से देवदास फिल्म की कुमुद तक ऐसे कई अपने शानदार किरदारों से अभिनेत्री अनन्या खरे ने पर्दे पर एक प्रतिपक्षी (नेगेटिव) भूमिका को साकार किया और मनोरंजन इंडस्ट्री में कई कलाकारों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है। अनन्या ने हिंदी मनोरंजन इंडस्ट्री में अपने कार्यकाल के लिए बहुत प्रशंसा हासिल की है चाहे वह टेलीविजन हो या बॉलीवुड, इस प्रतिभाशाली कलाकार ने हर जगह दर्शकों का दिल जीता। दर्शकों के लिए अनन्या एक बार फिर स्टार भारत के नए शो ‘लक्ष्मी घर आई’ में कमबैक करने वाली हैं। वह इस शो में एक महत्वपूर्ण प्रतिपक्षी (नेगेटिव) ज्वाला देवी की भूमिका निभाती नजर आएंगी। इस नए सामान्य में शूट करने और उनके कार्यकाल के बारे में जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें बताई, जिसके कुछ अंश प्रस्तुत हैं …..
* टेलीविजन पर धमाकेदार वापसी करने और ‘लक्ष्मी घर आई’ शो में एक प्रतिपक्षी (नेगेटिव) भूमिका निभाने के लिए कितनी उत्साहित हैं ?
– ऐसा माना जाता है कि टीवी शो में निभाए जानेवाले सबसे कठिन कामों में से एक प्रतिपक्षी की भूमिका निभाना है। कई पेशेवर अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को कभी-कभी स्क्रीन पर नकारात्मक (नेगेटिव) किरदार को निभाने में कठिनाई होती है। हालांकि, मुझे लगता है कि मैंने इस खेल में महारत हासिल कर ली है और मुझे इस प्रतिभा के लिए काफी सराहा गया है। पर्दे पर हमेशा नकारात्मक भूमिका निभाना आसान नहीं होता क्योंकि कई बार लोग आपके बारे में धारणा बना लेते हैं। मेरा मानना है कि देवदास के बाद मुझे एक बुरी भाभी के नकारात्मक किरदार के लिए पहचाना गया और मुझे लगता है कि इसने मुझे मनोरंजन इंडस्ट्री में एक अलग पहचान पाने में मदद मिली। खैर, एक कलाकार होने के नाते मेरा मानना है कि अगर यह दर्शकों की प्रतिक्रिया है, तो मैंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। नए शो में मेरा ज्वाला का किरदार एक बुरी सास का है जो बहुत कठोर है। वह पैसे की लालची है और उसके किरदार के कई शेड्स हैं। मैं ज्वाला देवी की भूमिका निभाने की चुनौती को लेकर बेहद उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं अपने किरदार के साथ न्याय करुँगी।
* ज्वाला देवी के किरदार में ऐसा क्या ख़ास था जो ये रोल करने के लिए आपने अपनी हामी भरी?
– ‘ लक्ष्मी घर आई ‘ शो का उद्देश्य दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को लेकर जागरूकता बढ़ाना और उसपर प्रकाश डालना है। शो को इतनी खूबसूरती से लिखा गया है कि मैं इसे ना नहीं कह सकती थी। मैं समय के साथ कई स्क्रिप्ट पढ़ रही हूं, लेकिन इस शो की स्क्रिप्ट पर मेरी आँखें थम गईं और मेरे मन में ख्याल आया कि हाँ बस यही स्क्रिप्ट मेरे लिए है। मैं शकुंतलम टेलीफिल्म्स और स्टार भारत के साथ काम करते हुए बेहद खुश हूं और मैं अपनी इस नई यात्रा को लेकर बहुत रोमांचित हूँ।
* अपने किरदार ज्वाला देवी के बारे में जरा विस्तार से बताएं?
– जैसा कि मैंने शो में अपने किरदार ज्वाला के बारे में ऊपर बताया, वह एक असभ्य महिला का है जो धन के प्रति आसक्त है और देवी लक्ष्मी की इस आशा से पूजा करती है कि वह उस पर धन की वर्षा करेंगी। ज्वाला आशाओं और महत्वाकांक्षाओं के भरी एक कठोर महिला है जिसे वह चाहती हैं कि उसकी मुरादें उसका बेटा पूरा करे। उसे अपने बेटे पर बेहद गर्व है। वह एक ऐसी बहू की तलाश में है जिसे ढ़ेर सारा दहेज मिल सके। उन्हें उसके रूप या लक्षणों की कोई परवाह नहीं है वह यह मानती है कि “सुंदर हो या अनपढ़, बहू वही चाहिए जो लाए फ्रिज, टीवी, कार …” ।
* इस शो में दर्शकों के लिए क्या ख़ास है?
– मैं सिर्फ इतना कहूंगी कि इस शो के माध्यम से हम यह प्रकाश में लाने की उम्मीद करते हैं कि एक बहू अपने विस्तारित परिवार के लिए प्यार और बहुमूल्य खुशियां लेकर आती है और कोई भी शादी किसी भी धन या मूल्यवान उपहार की मोहताज नहीं है।
* क्या आपको लगता है कि आपके द्वारा निभाए गए नेगेटिव किरदारों के लिए टाइपकास्ट किया गया है?
– वो जो कहावत है न कि आप अपने किरदार का चयन नहीं करते हैं बल्कि आपका किरदार आपको चुनता है। जैसा कि मैंने ऊपर बताया, बहुत कम लोग हैं जिनके पास एक विरोधी की भूमिका निभाने की कला है। निश्चित तौर पर यह कोई आसान काम नहीं है। लेकिन इतने सालों में जब कोई एक कलाकार को एक विशिष्ट भूमिका निभाते हुए देखता है, तो उसे टाइपकास्ट करना बहुत आसान हो जाता है। मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि मेकर्स, प्रोड्यूसर और चैनल ने ज्वाला देवी की भूमिका को पर्दे पर लाने का भरोसा मुझे चुनकर दिखाया। लॉकडाउन के बाद स्क्रीन पर ज्वाला देवी की भूमिका के साथ वापसी करना इस समय मेरे करियर के लिए एक सुनहरे मौके के समान है।
* अपनी अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिका का वर्णन करें?
– पिछले 25 वर्षों में ऐसा कोई किरदार नहीं हैं, जिसका मैंने आनंद नहीं लिया है। मुझे आज तक जो भी किरदार मिला उनके लिए मैं बहुत आभारी हूं। हालांकि देवदास और चांदनी बार फिल्म में मेरे द्वारा निभाया गया किरदार मुझे बहुत प्रिय है। साथ ही ऋषिकेश मुखर्जी, बासु चटर्जी, आशा पारेख जी, अशोक कुमार जी, जया बच्चन जी, ओम पुरी जी, महेश भट्ट और कई अन्य लोगों के साथ किया मेरा काम एक अनमोल यादें हैं।
* एक कलाकार के रूप में आपने जितनी भी भूमिकाएँ निभाई हैं, उनमें से आपका पसंदीदा किरदार कौन सा रहा ?
– ये चुनना तो बेहद मुश्किल है क्योंकि मैं जो कुछ भी करती हूं उसमें समान प्रयास और कड़ी मेहनत करती हूं।
* अपना लॉकडाउन का अनुभव बताएं ?
– जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो हमें पता नहीं था कि यह इतने लंबे समय तक चलेगा। मैंने अपने परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताया और यह वास्तव में मेरे लिए एक उम्मीद की किरण के समान था। मुझे लगता है कि इस लॉकडाउन ने परिवारों को एक साथ जोड़ा है और मैंने अपने परिवार के साथ हर पल को संजोया है। मेरी निचिरेन बौद्ध साधना ने मुझे इस कठिन समय में केंद्रित और शांत रखा।