डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना आपदा के कारण उच्च शिक्षण संस्थान भी बन्द है। इस माहौल में अनुरूप अकादमिक गतिविधयों का संचालन चल रहा है। कुलाधिपति आनन्दी बेन पटेल स्वयं इसके प्रति सजग है। वह शिक्षकों और विद्यार्थीयों को इसकी प्रेरणा दे रही है। वह स्वयं भी इसमें सहभागी हो रही है। पिछले कुछ दिनों में वह कई विश्वविद्यालयों के ऑनलाइन बेबीनार आदि में शामिल हो चुकी है। इन सभी में उनके द्वारा व्यक्त विचारों का अकादमिक महत्व है। इन पर चिंतन की आवश्यकता है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल पहले भी कह चुकी है कि वर्तमान समय मे शिक्षण के लिए नई तकनीक का प्रयोग आवश्यक हो गया है। उन्होंने इसके प्रति राजभवन को भी शामिल किया है। ऐसे ही एक बेबीनार में आनन्दी बेन पटेल ने अर्थव्यवस्था के संबन्ध में उपयोगी विचार प्रस्तुत किये है। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने ग्राम आधारित अर्थव्यवस्था को भारतीय परिवेश के अनुकूल बताया था। आत्मनिर्भरता के लिए स्थानीय उद्योगों, कृषि व कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन आवश्यक है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए एक जिला एक उत्पाद योजना लागू की थी। इसकी सफलता से केंद्र सरकार भी प्रभावित हुई। केंद्रीय बजट के माध्यम से इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है। आनन्दी बेन पटेल ने इस दिशा में उपयोगी सुझाव दिया है।उन्होंने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद की तर्ज पर एक जिला एक फसल विशेष योजना पर अमल करने की आवश्यकता हैै। इस पर आधारित उद्योगों से स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार मिलेगा। ऐसा होने पर लोगों को गांवों से शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा राज्यपाल ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए जीरो बजट आधारित कृषि को प्रोत्साहन देना होगा। इसमें रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता है। इस प्राकृतिक खेती में गाय का बहुत बड़ा योगदान होता है। इसके गोबर एवं गो मूत्र से खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है। इनके प्रयोग से उत्पादन लागत में कमी के साथ उत्पादन एवं अन्न की पौष्टिकता में भी वृद्धि हो सकेगी। आनन्दी बेन पटेल ने माइग्रेशन कमीशन गठन के प्रस्ताव को रोजगार की दिशा में उपयोगी बताया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के लिए माइग्रेशन कमीशन के गठन की घोषणा की है। यह देश के लिए संकट का समय है। चुनौती को भी अवसर में बदलने के प्रयास चल रहे है। राज्यपाल ने भी संकट से शिक्षा लेने की प्रेरणा दी। कहा कि परंपरागत मार्ग बाधित हुये हैं परन्तु समाप्त नहीं हुये हैं। संकल्प शक्ति के साथ समस्या का समाधान होगा। अनेक समस्याओं पर नए सिरे से विचार आवश्यक है।

शहरों के साथ गाँवों के विकास पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा। देश की सत्तर प्रतिशत आबादी गाँवों में रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय, चिकित्सालय, विद्युत,पहुंच हेतु पक्की सड़क एवं परिवहन आदि आवश्यक सुविधाएं पहुंचनी होगी। इससे समग्र विकास होगा।कृषकों को खेती हेतु सिंचाई एवं बिजली,खाद व भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए। गाँवों में कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन देना होगा। इन प्रयासों से गांव स्वावलंबी बन सकेंगे। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश को प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न बताया। कहा कि प्रदेश में उपजाऊ कृषि योग्य भूमि एवं नदियाँ हैं। प्रदेश कई कृषि उत्पादों हेतु विशेष महत्व रखता है।

यहां प्रत्येक जनपद की अपनी अपनी विशेषता है। प्रत्येक जनपद अपने किसी न किसी विशेष उत्पादन के लिये भी विख्यात है। जनपद कन्नौज इत्र के लिये,मुरादाबाद पीतल के लिये,लखनऊ चिकन कारीगरी एवं दशहरी आम के लिये,अलीगढ़ ताला के लिये, फिरोजाबाद कांच के लिये एवं भदोही कालीन के लिये प्रसिद्ध है। डाॅ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय,आगरा ने रिवर्स माइग्रेशन एण्ड रूरल डेवलेपमेंट इन उत्तर प्रदेश विषय पर बेबीनार का आयोजन किया था। आनन्दी बेन पटेल ने इस विषय के अनुरूप सार्थक विचार प्रस्तुत किये।

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