डॉ दिलीप अग्निहोत्री

नई शिक्षा नीति में अनेक व्यवहारिक सुधार किए गए है। एक स्तर पर शिक्षण व प्रशिक्षण में सामंजस्य स्थापित किया गया है। इसी क्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने अप्रेंटिशिप अर्थात प्रशिक्षुता इंटर्नशिप युक्त डिग्री कार्यक्रम के लिए उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देश का लोकार्पण किया। इसका उद्देश्य सामान्य डिग्री पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को रोजगार के योग्य बनाना है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्चतर शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार पर कॉन्क्लेव के समापन सत्र में इसका लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर निशंक ने कहा कि इन दिशानिर्देशों के माध्यम से पहली बार सामान्य शाखा में स्नातक कार्यक्रम को डिग्री कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अप्रेंटिसशिप प्रदान करने के लिए डिजाइन किया जाएगा।  पाठ्यक्रम में रोजगार क्षमता सहायता के सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए बड़ी संख्या में सामान्य डिग्री पाठ्यक्रम में अप्रेंटिसशिप व इंटर्नशिप कार्यक्रम को सम्मिलित करने के लिए विश्वविद्यालय आगे आयें। रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ साथ युवाओं को रोजगार के योग्य बनाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसका समावेश नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में है। सामान्य शाखा के विद्यार्थियों की रोजगार योग्यता में सुधार के लिए बजट घोषणा में अप्रेंटिसशिप युक्त डिग्री आरंभ करने का प्रावधान किया गया था।

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