डॉ दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल व कुलाधिपति आनन्दी बेन पटेल और उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा शैक्षिणक व्यवस्था में सुधार के लिए प्रयत्नशील रहते है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार गठित होने के बाद से ही इस दिशा में प्रयास चल रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें सुधार के प्रति गम्भीर रहे है। इस क्रम में एक महवपूर्ण बेबीनार में उपयोगी विचार विमर्श हुआ। इसे आनन्दी बेन पटेल और डॉ दिनेश शर्मा ने संबोधित किया। कुलाधिपति ने उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन पर बल दिया। कहा कि पांच वर्षों से अधिक समय से स्थापित सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए नैक द्वारा मूल्यांकन अनिवार्य होना चाहिए।इसके अनुपालन न करने की स्थिति में कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।

उच्च शिक्षण संस्थाओं को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान अथवा किन्हीं अन्य संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करनी है। तो उन्हें अनिवार्य रूप से नैक संस्था से मूल्यांकन कराना ही होगा। नैक मूल्यांकन के लिए शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कठोर प्रयास करना आवश्यक है। उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश तथा राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के संयुक्त तत्वावधान में नैक मूल्यांकन एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया था। राज्यपाल ने कहा कि अधिकांश राज्य विश्वविद्यालयों में नियुक्ति की कोई संस्थागत व्यवस्था नहीं है। इसके लिए एक रिक्रूटमेन्ट सेल का गठन किया जाना चाहिए। जिससे कार्य में पारदर्शिता के साथ गति भी मिले सके।विश्वविद्यालयों की विभिन्न समितियों में छात्रों को सम्मिलित किया जाना चाहिए। उनके माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कराये जाने चाहिए। इससे छात्रों में व्यावहारिक अनुभव के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के कारण उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सार्वभौमिक बनाने की दिशा में राज्य सरकार का दायित्व और अधिक बढ़ गया है। शिक्षा में तेजी से आये बदलाव के कारण उच्च शिक्षा की गुणवत्तापरक वृद्धि के सत्त प्रयासों के लिए तकनीकी संसाधनों का प्रयोग भी आवश्यक होगा। वर्तमान परिस्थितियों में आॅनलाइन शिक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता राष्ट्र के विकास में सहायक होती है। इसलिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा के प्रति सजग रहना होगा। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि अधिकतम तीन सौ महाविद्यालयों को ही विश्वविद्यालय द्वारा सम्बद्धता दी जानी चाहिए।जबकि एक एक विश्वविद्यालय से एक हजार से अधिक महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए पाठ्यक्रम तीन चार वर्षों में निरन्तर अद्यतन करने का प्रावधान होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के पास उद्योग से जुड़ने हेतु इण्डस्ट्री एकेडमिक सेल होना चाहिए,जो शिक्षकों एवं छात्रों को उद्योग प्रक्रियाओं में सम्मिलित करने का कार्य करें।

उप मुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने वेबिनार में कहा कि उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता लाने के लिए राष्ट्र का दृढ़ संकल्प है। कोरोना व लॉक डाउन के दौरान भी उच्च शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया गया। विभिन्न विषयों पर शिक्षकों द्वारा ई कन्टेन्ट तैयार कर छात्रों को आॅनलाइन,व्हाट्सअप और यू ट्यूब के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फेमवर्क एन आई आर एफ में स्थान प्राप्त करने हेतु प्रयास करने का सुझाव दिया।

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