प्रकृति के विविध रूप रंगो से राजभवन को गुलजार करने वाली प्रदर्शनी का समापन हुआ. चार दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2023 का शुभारंभ राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने के साथ ही राज्यपाल ने इसका समापन किया. इसके माध्यम से किसानों को लाभप्रद उपज के संबंध में जानकारी दी गई. इसके साथ ही शहरों के निवासियों को भी गमलों और किचन गार्डन में बागवानी के प्रति जागरूक किया गया. इस बार पुष्प सज्जित परिधानों से फैशन शो का आयोजन किया गया.
शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शुरू हुई प्रदर्शनी में फ़ूलों के शिवलिंग को प्रतिष्ठित किया गया. फ़ूलों से ही भव्य श्री राम दरबार, हनुमानजी ,श्री गणेश, ॐ,स्वास्तिक की आकृति भी बनायी गई थी.आनन्दी बेन ने लौकी मैन‘ द्वारा लौकी के सूखे कवच फलभित्ति से तैयार शंख का अनावरण किया. उन्होने कहा कि यह प्रदर्शनी उत्तर भारत की सबसे समृद्ध, पुरानी और अनूठी प्रदर्शनी है। इसका उद्देश्य जनसामान्य को बागबानी और फसलों की विविधता एवं नवीनतम जानकारियों से परिचित कराना है। प्रदर्शनी में प्रगतिशील किसानों द्वारा लाभप्रद और वैज्ञानिक मानकों को प्रस्तुत किया गया. इन्वेस्टर्स समिट के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन आईं थीं. उन्होने यहां की वाटिकाओं की प्रशंसा की थी. वही अपने साथ इनके फोटो एवं वीडियो फुटेज भी ले गई थीं.
राजभवन उद्यान लखनऊ ने दस ट्राफी और सर्वाधिक एक सौ अस्सी अंक प्राप्त करके सर्वाधिक पुरस्कार विजेता का खिताब हांसिल किया. राज्यपाल चलवैजयंती पर भी उसका अधिकार हुआ.
अधीक्षक राजभवन उद्यान धीरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि राजभवन ने यह सफलता लगातार छठी बार प्राप्त की है.
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि इस प्रदर्शनी से सभी 75 जनपदों से प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदर्शनी में कुल 15991 प्रतिष्टियाँ आयीं जो कि गत वर्ष की तुलना में 150 प्रतिशत अधिक हैं।