नई दिल्ली। पिछले लंबे समय आंदोलन कर रहे किसानों की मांग आज मान ली गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में आज उन्होंने इसे रद्द किए जाने की घोषणा की है।
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है। आज मैं आपको और पूरे देश को बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला किया है। मैं सभी आंदोलनरत किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि अब आप अपने-अपने घर और खेतों की तरफ़ लौटें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, आपदा के समय ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को आसानी से मुआवज़ा मिल सकें इसके लिए पूराने नियम बदले हैं। बीते 4 सालों में एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का मुआवज़ा हमारे किसानों को मिला है। हमने MSP बढ़ाई और रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए। हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी कदम उठाए। हमने ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचा को मजबूत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज देव दीपावली का पावन पर्व है और गुरू नानक देव जी का भी पवित्र प्रकाश पर्व है। मैं दुनिया के सभी लोगों को और सभी देशवासियों को इस पावन पर्व पर हार्दिक बधाई देता हूं। मैंने अपने 5 दशक के सार्वजनिक जीवन में किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा और महसूस किया है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया।सरकार ने अच्छी गुणवत्ता के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, स्वायल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा।