डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

किसानों के नाम पर चल रहे सीमित क्षेत्र के आंदोलन ने छह माह पूरे किए। इसको उनके द्वारा काला दिवस के रूप में मनाया गया। लेकिन इन छह महीने में आंदोलन के नेता यह नहीं बता सके कि किसानों के कल्याण की उनके पास क्या योजना है। इस आंदोलन का समर्थन करने वाले एक दर्जन दल भी इस पर मौन है। किसी ने यह नहीं बताया कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने किसानों के लिए कौन सा उल्लेखनीय कार्य किया था। दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह वास्तविक किसान नेता थे। उन्होंने किसान कल्याण की कार्य योजना बनाई थी। जब भी उनको अवसर मिला इनका क्रियान्वयन किया। वर्तमान आंदोलन का समर्थन करने वाले अपनी उपलब्धियों पर चर्चा नहीं करना चाहते। दूसरी तरफ चौधरी चरण सिंह जन्म जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र व अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। दावा किया कि वर्तमान सरकार चौधरी चरण सिंह के सपनों को साकार कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हितों के प्रति समर्पित अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को सिद्ध करते हुए डीएपी खाद के लिए सब्सिडी को बारह सौ रुपए कर दिया,जिससे किसानों को खेती करने में आसानी हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले सात वर्षों एवं प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों के लिए वर्तमान केंद्र सरकार ने आजादी के बाद जितने उत्तम निर्णय लिए,उतने आज तक किसी अन्य सरकार ने नहीं लिए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना,किसानों की लागत का समर्थन मूल्य का डेढ़ गुना देने की गारंटी या किसानों को देश के अंदर अपनी उपज को बिना किसी बाधा के कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि द्वारा प्रत्येक किसान को छह हजार रुपए सालाना प्रदान करना आदि इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं। राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही हैं। चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला में रमाला चीनी मिल का पुनरूद्धार किया गया। चार वर्ष के दौरान प्रदेश में लगभग एक लाख पैंतीस हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का किसानों के खाते में भुगतान किया गया। आजादी के बाद किसी भी सरकार ने पांच वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान इतना गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया।

कोरोना कालखंड के दौरान प्रदेश में स्थापित सभी 119 चीनी मिलों को चालू रखा गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को प्रमुखता से आगे बढ़ाया जा रहा है। जिससे दशकों से लंबित कृषि सिंचाई योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जा सके। सिंचाई की विभिन्न योजनाओं के तहत बाणसागर परियोजना को पूरा किया गया। अर्जुन सहायक, मध्य गंगा तथा सरयू नहर प्रणाली को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का सर्वाधिक लाभ लेने वाला राज्य है। राज्य में अब तक दो करोड़ बयालीस लाख से अधिक किसान प्रधानमंत्री किसान निधि से आच्छादित हो चुके हैं। कोरोना कालखंड में भी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए गेहूं क्रय केंद्र वर्तमान में संचालित है। प्रदेश में अब तक अड़तीस लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं का क्रय किया जा चुका है। किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से बहत्तर घंटे के अंदर उनकी उपज का दाम उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों व श्रमिकों को कोरोना से बचाते हुए कृषि उद्योगों का संचालन कर रही है।

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