डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश सरकार नए कृषि कानूनों की भावनाओं पर अमल कर रही है। जिसमें कहा गया है कि मंडी व न्यूनतम समर्थन मूल्य की योजना समाप्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले विपक्ष पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि नए कानून के द्वारा किसानों को बन्धनों से आजाद किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर किसानों की उपज कोई खरीद नहीं सकेगा। इसके पहले भी योगी सरकार ने अनाज खरीद के कीर्तिमान कायम किये थे। इस दिशा में सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। योगी कैबिनेट ने वर्तमान खरीफ समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय हेतु क्रय संस्थाओं को अग्रिम ऋण उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसी एक अक्टूबर से खरीद प्रारम्भ होगी। धान क्रय की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने,किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए क्रय संस्थाओं को धनराशि तत्काल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण और अभिलेख संक्रिया विनियमावली के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
भारत सरकार द्वारा ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्र के विधिमान्यीकरण हेतु ग्रामीण आबादी क्षेत्र के संचित अभिलेख तैयार करने के लिए नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से सर्वेक्षण कर उनके स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख तैयार करने के लिए स्वामित्व योजना का शुभारम्भ किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रुप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता मिलेगी। ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण होगा। भारत सरकार की इस योजना में उत्तर प्रदेश राज्य के एक लाख से अधिक ग्रामों की ग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण कर स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख वितरित किये जाने हैं। स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण और अभिलेख संक्रिया विनियमावली के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया। इसके द्वारा सर्वेक्षण कार्य, अभिलेखों की तैयारी, अभिलेखों का प्रकाशन एवं अन्तिमीकरण, अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण, अभिलेखों का अद्यतनीकरण की प्रक्रिया निर्धारित होगी। विनियमावली के द्वारा सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कर्तव्य एवं दायित्वों का निर्धारण होगा।