सत्यम सिंह ठाकुर, गुजरात
गुजरात में मेहरबान इंद्रदेव कई जिलों में कहर साबित हो रहे है बारिश के बदलते पैटर्न के कारण सौराष्ट्र और कच्छ में सीजन की कुल बरसात कही ज्यादा बरसात हो चुकी है। कच्छ में अब तक १३६ फीसदी बारिश तो सौराष्ट्र में अब तक १०८ फीसदी बरसात हो चुकी है जबकि बरसात का एक महीना अभी भी बाकी है। सौराष्ट्र-कच्छ में हालात ऐसे हैं कि किसानों द्वारा बोई गई मूम्फ़ली , मकई , कपास , सोयाबीन तुवर बाजरी जवार ,जैसी मौसमी फसलें बारिश के पानी में बह गई हैं. जो छोटी फसल थी, उसका सारा भाग उड़ गया। सौराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्रभावित के विधायकों ने भी फसल क्षति में सहायता को लेकर सरकार को पत्र लिखा है.
जानकारों के अनुसार, बरसाती मौसम में 85.87 लाख हेक्टेयर खेती के उत्पादन में लगातार बारिश से राज्य में औसतन 30 से 80 फीसदी तक नुकसान की खबर है. सौराष्ट्र में खासकर जूनागढ़ , द्वारका , गिर सोमनाथ , जामनगर , राजकोट , भावनगर सहती कई जिलों में तो पूरी की पूरी फसल ही बाढ़ में तबाह हो गई है।
मौसमी फसलों में बीज , खाद्य , बुवाई कीटनाशक का खर्च कर चुके किसानों पर फसल बर्बाद होने से भारी आर्थिक मार पड़ी है.। किसान संगठन और किसानो की मांग के बावजूद कृषि मंत्रालय फ़िलहाल मौन धारण किये हुए है ऐसे में किसान खुद को असहाय महसूस कर रहे है