अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)

विजय लक्ष्मी म्युज़िक ने एक और बेहतरीन विवाह गीत ‘पगड़ी के लाज’ रिलीज किया है। विवाह गीत ‘पगड़ी के लाज’ उस बाप और बेटी के बीच के मार्मिक संवाद की अभिव्यक्ति है, जिसके दरवाजे पर बारात खड़ी होती है और बेटी अपनी पसंद की शादी नहीं कर पाने की वजह से जहर खाने को कमरे में बंद हो जाती है। इस विवाह गीत की शानदार प्रस्तुति दर्शकों और श्रोताओं को बेहद पसंद आ रही है।

मालूम हो कि हमारे देश में कोई भी पर्व त्योहार या शादी संस्कार बिना लोक गीतों के अधूरा समझा जाता है। इसीवजह से पूर्व में कई विवाह गीत भी समय – समय पर आते रहे हैं। विजय लक्ष्मी म्युज़िक  समय के हिसाब से इन चीजों को नए तरीके से पेश कर रही है, जो लोगों को पसंद भी आ रही है।

विवाह गीत  ‘पगड़ी के लाज’ के म्युज़िक वीडियो में नज़र आ रहे अभिनेता आनंद मोहन कहते हैं कि संस्कृति और संस्कार ही हमारी पहचान है। वक्त के हिसाब से हर कुछ बदला है, ऐसे में आज के दिनों में प्रेम करना सहज है। लेकिन आज भी कई सामाजिक बाध्यताएँ होती हैं, जिसमें लोग गलत कदम तक उठा लेते हैं। हमारा यह विवाह गीत नई पीढ़ी के उनलोग को एक नया विज़न देने वाला है।

विवाह गीत  ‘पगड़ी के लाज’ संगीत के मामले में भी दिल को छू लेने वाला है। इस गीत को आनंद मोहन पांडेय और नीतू श्री ने गाया है। लिरिक्स अमन अलबेला का है। म्युज़िक प्रियांशु सिंह का है। निर्देशक व डीओपी रंजीत कुमार सिंह हैं। गाने के म्युज़िक वीडियो में आनंद मोहन, नेहा सिद्दीकी, रूपा सिंह व राजनंदनी व अन्य शामिल हैं।

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