अमरदीप सिंह, संवाददाता, गुजरात
कोरोना का कहर अब अलग अलग रूप में कहर ढा रहा है , कोरोना के मामले कम हुए तो कोरोना के साइड इफ़ेक्ट के चलते मयुकरमाईर्कोसिस से लोगो की जाने गई आँखे गई दांत गए और अब पोस्ट इफ़ेक्ट बच्चो के लिए जानलेवा साबित हो रहा है कोरोना के बाद अब बच्चों को मल्टी ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम यानी एमआईएस-सी की बी्मारी देखने को मिल रही है. गुजरात में इस नई बीमारी के अब तक 100 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं
कोरोना वायरस की महामारी के बाद देश अभी ब्लैक फंगस से जूझ ही रहा है की अब एक और नई बीमारी आ गई है जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. ये बिमारी है MIS -C यानी मल्टी ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम यानी एमआईएस-सी की, बी्मारी देखने को मिल रही है. एमआईएस-सी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. गुजरात में इस नई बीमारी के अब तक 100 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. चिंता की बात ये है की ये बिमारी जानलेवा साबित हो रही है , अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ही पिछले दिनों इस बीमारी ने दो बच्चो की जान ले ली
देश में इस नई बीमारी का पहला मामला एक नवजात बच्चे में जन्म के 12 घंटे के अंदर सामने आया था. बताया जाता है कि गर्भावस्था में बच्चे की मां को कोरोना हुआ था. हालांकि उपचार के बाद महिला ठीक हो गई लेकिन कोरोना का इफेक्ट बच्चे पर पड़ा और वह एमआईएस-सी की चपेट में आ गया. बच्चे को सांस लेने में समस्या होने लगी. उसे उपचार के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया .सिविल में कार्यरत डॉक्टर बेला शाह के मुताबीक बच्चे का जब एंटीबॉडी टेस्ट किया गया तो उसमें पहले से ही एंटीबॉडी पाई गई. उन्होंने कहा कि मां के कोरोना संक्रमित होने के कारण गर्भ में ही बच्चे को एंटीबॉडी मिल गई. अब बच्चे को ये पोस्ट कोविड बीमारी हुई है डॉक्टर शाह ने बताया कि फिलहाल वह बच्चा ऑक्सीजन पर है. नवजात के अलावा एक नौ साल का बच्चा भी सिविल अस्पताल में ही उपचार के लिए भर्ती है
सिविल में इस बीमारी के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है जिसमे एमआईएससी से ग्रसित नौ साल के राहुल को भी पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. दरअसल, राहुल को इससे पहले तेज बुखार हुआ था. तब उपचार के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया था लेकिन फिर अचानक उसे तेज बुखार आया. चिकित्सकों ने जब उसकी जांच की तो राहुल के एमआईएस-सी की बीमारी से ग्रसित होने की पुष्टि हुई.
गुजरात के सौराष्ट्र व दक्षिण गुजरात के डाक्टर बताते हैं कि हर रोज इसके मामले सामने आ रहे हैं। बीते तीन माह में सूरत में करीब 200 मामले सामने आ चुके हैं जबकि राजकोट व सौराष्ट्र के अन्य जिलों में एक सप्ताह में 20 और अब तक सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। राजकोट के सरकारी अस्पताल में 88 बच्चों का इलाज चल रहा है। वही अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में दो महीने में अब तक १० बच्चे भर्ती हो चुके है जिनमे से दो की मौत भी हो गई है ऐसे में बच्चो के लिए जानलेवा साबित हो रहे इस रोग से बहुत ही ज्यादा सावधानी की जरुरत है ,डॉ के मुताबिक बच्चों में ये सिंड्रोम हो या फिर उसे बुखार आया हो तो सामान्य दवा से वो ठीक हो जाता है लेकिन जब उसकाजब उसका हमने कोविड एंटीबॉडी टेस्ट किया तो वो उस में पॉजिटिव पाया गया. यानी उसके शरीर में कोविड की एंटीबॉडी पहले से मौजूद थी.
ठंड लगना, बुखार आना, शरीर पर काले धब्बे दिखना, आंख लाल होना, पेट में दर्द होना, सांस लेने में परेशानी, चेहरा या होंठ नीले होना ये कुछ ऐसे लक्षण है जो डॉक्टर्स के मुताबिक इस बीमारी में बच्चों में पाए गए हैं. ऐसे में माँ बाप की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है कि वो कोरोना महामारी में किस तरह अपने बच्चो का विशेष ध्यान रखे