डॉ दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल कुलाधिपति के रूप में सार्थक शैक्षिणक देती है। उन्होंने एक विश्वविद्यालय के माध्यम से सभी शैक्षणिक संस्थाओं को उत्कृष्ट विचार प्रेषित किया है। कहा कि स्थापना दिवस समारोह आत्ममंथन का अवसर होता है। आत्ममंथन से कमियों को दूर कर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। जाहिर है कि इस माध्यम से सभी शैक्षणिक संस्थान अपना मूल्यांकन कर सकते है। यदि संस्थान का नाम किसी महापुरुष के नाम पर हो तो आत्ममंथन का दायरा भी बढ़ जाता है। तब आत्ममंथन में देश व समाज के प्रति उस महापुरुष के विचार भी शामिल हो जाते है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे ही महापुरुष थे। उन्होंने अपने विषय में नहीं सदैव देश के विषय में सोचा,देश हित की दिशा में लक्ष्य बनाया,और उसी के प्रति समर्पित हो गए,उसी के अनुरुप आचरण किया। आत्मनिर्भर भारत के संबन्ध में उनका विचार आज अधिक प्रासंगिक हो गया है।
कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने कोरोना आपदा को अवसर में बदलने का आह्वान किया था। इसके अंतर्गत उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया। अब्दुल कलाम भारत को प्रद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में पूरी क्षमता से लगे थे। आनन्दी बेन पटेल ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। उन्होंने अब्दुल कलाम का उदाहरण देकर आत्मनिर्भर भारत अभियान का उल्लेख किया। कहा कि विश्वविद्यालय डाॅ कलाम के सपनों के अनुरूप उच्चकोटि के शोध कार्यों को करे। शोध आज की आवश्यकता है। यही देश और दुनिया को बचायेंगे। राज्यपाल ने कहा कि आज के इस दौर में देश का विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। वोकल फार लोकल के दृष्टिगत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। तभी देश आगे बढ़ेगा।विश्वविद्यालयों को रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान देना होगा। इससे पहले राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की देखरेख में चलने वाले शैक्षिक चैनल स्वयं प्रभा।का उद्घाटन किया।