सत्यम ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात….

गुजरात। आज मित्रता दिवस है और इस दिन को लोग अपने दोस्तों को याद करते हैं दोस्ती को निभाने कश्मे खाते है दुहाई देते है मगर कुछ लोग अपनी मित्रता इंसानी सामाजिक दायरे से बाहर निकलकर निभाते है ऐसे ही शख्स है जूनागढ़ जिले के केशोद के रहने वाले हरसुख भाई डोबरिया जिनकी मित्रता तोतों से हो गई और मित्रता की डोर देखते ही देखते कुछ इस तरह मजबूत हो गई कि आज रोजाना उनके पास हजारों की संख्यां में रोजोना तोते आ जाते हैं। आईये आपको हम दिखाते हैं हरसुख भाई और तोतों की अनोखी दोस्ती…….

हरसुख भाई की सुबह इन तोतो के साथ होती हैं। हरसुख भाई ने अपने घर में ही इनके खाने की व्यवस्था की हैं। रोजोना हजारों की संख्या में आने वाले तोतो के साथ कुछ उन्य प्रजाती के पक्षी भी हरसुख भाई के आशियाना में हरसुख भाई के प्रेम में खीचे चले आते हैं।

हरसुख भाई के प्रेम से कुछ ऐसे भी तोते हैं जो रोजाना उन्ही के हाथ से खाना भी खाना पसन्द करते हैं। इसके लिये हरसुख भाई रोजाना सुबह उन तोतो को अपने हाथ से खाना खिलाते हैं।

हरसुख भाई और तोतों की इस मित्रत्रा की चर्चा न सिर्फ उनके शहर में हैं बल्कि उनके इस प्रगाढ़ प्रेम की चर्चा पूरे गुजरात में हैं। लेकिन अब हरसुख भाई और इन तोतों की मित्रात्रा की चर्चा धीरे धीरे पूरे देश में होने लगी हैं।

मित्रत्रा के ऐसे बंधन में बंधे हरसुख भाई कहते हैं कि  उनके हजारों मित्र तोते हर सुबह हरसुख भाई के घर पर दस्तक देने आ जाते है जिनके भोजन पानी का इंतजाम हरसुख भाई वर्षों से करते आ रहे है हरसुख भाई का पूरा परिवार अब तोतों की सेवा में लगा रहता है हरसुख भाई की इन तोतों के साथ ऐसी मित्रता है कि एक आवाज पर परिंदे हाजिर हो जाते है और इन परिंदों की आवाज सुनकर हरसुख भाई ये आकलन कर लेते है कि परिंदे भूखे है अथवा प्यासे ये मित्रता वर्षो से चली आ रही है।

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