अमित मिश्रा ( मुम्बई ब्यूरो चीफ)

 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी, हमारे प्यारे बापू की कहानियां हम सभी ने सुनी हैं।  उन्होंने दी हुई शिक्षा, अहिंसा का आचरण, उनका जीवन और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बापू का लक्षणीय योगदान इन सभी बातों ने दुनिया भर के लाखों लोगों के दिल जीते हैं।

आज भी बापू की कहानियां हमें प्रभावित करती हैं। इस वर्ष गांधी जयंती के उपलक्ष्य में शेमारूमी आपके लिए लेकर आए हैं कुछ बेहतरीन फ़िल्में! हमारे इस महान नेता के विचारों से प्रेरणा पाने का और गांधी जयंती को अनूठे ढंग से मनाने का यह विशेष अवसर होगा।  बॉलीवुड क्लासिक्स से लेकर गुजराती सिनेमा तक हर सिनेमाप्रेमी के लिए शेमारूमी अनूठी सौगात पेश कर रहा है।

1. हमने गांधी को मार दिया
2018 में बनी यह मूवी नईम ए सिद्दीकी द्वारा निर्देशित है। इसमें कैलाश और दिवाकर इन दो अनजानों की कहानी है, जो एक विनाशक ट्रेन सफर में एक-दूसरे का सामना करते हैं। जतिन गोस्वामी, सुब्रता दत्ता, समीक्षा भटनागर, प्रतिमा कन्नन और उत्कर्षिका यादव ने इस फिल्म के किरदार निभाए हैं।  भारत में ब्रिटिश राज समाप्त होने के बाद देश के बंटवारे से जो दुर्दशा हुई वह स्थिति इस फिल्म की पृष्ठभूमि है। इस फिल्म के दो किरदार महात्मा गांधी के बारे में उनके विचारों को लेकर बहस करते हैं और तभी बापू की हत्या की जाती है।  इस विनाशकारी सफर के अंत में एक दुखद समाचार इन दो किरदारों की प्रतीक्षा कर रहा है।

2. गांधी तारी बीक छे बाकी बधु ठीक छे
यह गुजराती मूवी एक आम आदमी महेंद्र गांधी और उसके परिवार की कहानी बयान करती है, जिसमें वे भ्रष्ट और दुराचारी राजकीय व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।  बम ब्लास्ट का शिकार हुआ इस परिवार का बेटा आशीष के लिए वे न्याय चाहते हैं।  इस दौरान वे मीडिया से समर्थन हासिल कर पाते हैं और उन्हें महसूस होता है कि समाज में क्रांति लाना ज़रूरी है। गांधी तारी बीक छे बाकी बधु ठीक छे में समाज में परिवर्तन लाने की उनकी इच्छा को दर्शाया गया है।  विपुल विठलानी ने इस फिल्म का निर्देशन किया है और मुख्य किरदार भी निभाया है।  साथ ही नीलेश जोशी, किंजल भट्ट, जितेंद्र सुमरा, खुशबु भारमभट्ट, प्रतिक जादव, जैमिन दवे, जतन भट्ट और कमलेश ओज़ा ने भी इस फिल्म में किरदार निभाए हैं।

3.  रीबूटिंग महात्मा
2019 में बनी यह गुजराती फिल्म एआई के जरिए महात्मा गांधी को पुनरुज्जीवित करने के बारे में है, इसमें गांधी जी का मानवीय वर्ज़न 21 वी सदी में लाया गया है।  इस सदी में बापू ऐसे कई विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं जो आज के दौर में दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं, इनमें राजनीतिक प्रणाली, बॉलीवुड, सोशल मीडिया, युवा आदि शामिल हैं।  यह जवाब और अनूठी बहस मनोरंजन के साथ-साथ 21 वी सदी में गांधी जी के मूल्यों और विचारों को उजागर करती हैं।  इस फिल्म का निर्देशन कनिश शाह ने किया जो फिल्म में ऋषि जोशी के साथ भूमिका भी कर रहे हैं।

4. रोड टू संगम
अमित राय द्वारा निर्देशित, 2009 में बनी हिंदी मूवी रोड टू संगम में हमारी मुलाकात होती है हस्मतुल्लाह से, जो उत्तर प्रदेश में रहने वाले श्रद्धालु मुस्लिम है, मैकेनिक का काम करते है। एक पुरानी लारी उनके पास मरम्मत के लिए आती है, यह वही लारी है जिसमें से महात्मा गांधी की अस्थियों के बीस में से एक भाग को विसर्जित करने के लिए ले जाया गया था।  वे इस काम को लेते ज़रूर है लेकिन स्थिति तब जटिल हो जाती है जब उन्हें अस्थियों के बारे में सच पता चलता है और वे गांधी जी की अस्थियों को ले जाने का फैसला करते है। इस कहानी में उनके समुदाय के बीच असंतोष दिखाया गया है, वे लोग हस्मतुल्लाह के इस निर्णय के खिलाफ है, लेकिन फिर भी वो इस स्थिति का सामना कैसे करते है वो देखने लायक है। फिल्म में परेश रावल मुख्या भूमिका में और उनके साथ ओम पूरी, पवन मल्होत्रा, जावेद शेख स्वाती चिटणीस, मसूद अख्तर, युसूफ हुसैन, राकेश श्रीवास्तव और मनीष पांडेय हैं।

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