लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संकाय के ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली के विभिन्न अनुप्रयोग’ पर वेबिनार का आयोजन सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए किया गया। वेबीनार में इंजी० विनीत पोरवाल-आरएमएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ फ्लड मॉडलिंग विश्लेषक और इंजी०अभिषेक श्रीवास्तव- जीआईएस इंजीनियर एवं लिप्टन सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के विश्लेषक, ने जीआईएस की विभिन्न अवधारणाओं और अनुप्रयोगों के बारे में विस्तार से बताया। इंजी० अभिषेक श्रीवास्तव ने जीआईएस की अवधारणाओं को विस्तरित रूप से छात्रों को परिचित कराया। उन्होंने बताया कि शहरीकरण के बढ़ते पैटर्न का अध्ययन कैसे किया जा सकता है और हम कैसे, जीआईएस का उपयोग करके प्राकृतिक संसाधनों का पता लगा सकते हैं।

इंजी०विनीत पोरवाल द्वारा छात्रों को, जीआईएस द्वारा सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आये बदलावों द्वारा परिचित कराया। उन्होंने 1992 में ली गई सैटेलाइट फोटोग्राफ के आधार पर दिल्ली और बेंगलुरु की जीआईएस मैपिंग प्रस्तुत की। उन्होंने विभिन्न प्रकार के जल निकायों, ग्लेशियर और वन, शहरी क्षेत्रों और उपनगरों के जीआईएस मैपिंग को समझाया। सिविल इंजीनियरिंग में प्रयुक्त जीआईएस मैपिंग के विभिन्न तरीकों की भी व्याख्या की। छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ वेबिनार में भाग लिया। कई छात्रों ने ‘जीआईएस और इसके अनुप्रयोग’ पर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान एक्सपर्ट से पाया।

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