सत्यम सिंह ठाकुर, ब्यूरोचीफ, गुजरात

 

गुजरात के जूनागढ़ में गिरनार पर्वत पर बना अंबाजी मंदिर अपने आप में कई रहस्यों के लिये जाना जाता हैं। जूनागढ़ में आने वाले पर्यटक इस गिरनार पर्वत पर बने इस मन्दिर में दर्शन करने जरूर आते हैं। इस मन्दिर तक पहुचने के लिये भक्तों को अब तक 9999 सीढ़ीयां चढ़नी पड़ती थी। लेकिन अब इस मन्दिर तक पहुचना बहुत ही आसान होने जा रहा हैं।  गिरनार पर्वन पर बने इस मन्दिर पर जाने के लिये एशिया का सबसे बड़ा रोप-वे बन कर तैयार हो गया। जिसका उद्धाटन प्रधानमंत्री स्वयं करेगें।

दरअसल 24 अक्टूबर से गिरनार पर रोप-वे सुविधा की शुरुआत की जाएगी.और इसका लोकार्पण खुद प्रधानमंत्री करेंगे हालांकि ये लोकार्पण वर्चुअल होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गिरनार रोप-वे का ई-लोकार्पण करेंगे. 100 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा यह रोप-वे एशिया का सबसे बड़ा रोप-वे माना जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जूनागढ़ में आयोजित समारोह में उपस्थित रहेंगे. रोपवे शुरू होने पर पर्यटकों को 9999 सीढियां नहीं चढ़नी पड़ेगी और लोग गिरिनार की सुन्दरता का आनंद उठा सकेंगे. हालांकि फ़िलहाल गुजरात के पावागढ़ और अम्बाजी में रोपवे कार्यरत है पर गिरनार में इस सुविधा के शुरू होने के बाद ये सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा।

भवनाथ की तलहटी से गिरनार पर्वत पर अंबाजी मंदिर की दूरी 2.3 किलोमीटर है. इसे रोप-वे के जरिए सिर्फ सात मिनट में पूरा किया जा सकेगा. शुरुआत में 24 ट्रॉली लगाई जाएगी. एक ट्रॉली में आठ लोग बैठेंगे. इससे एक फेरे में 192 यात्री जा सकेंगे. इसमें नौ टावर लगाए गए हैं. इसमें छह नंबर का टावर सबसे ऊंचा करीब 67 मीटर है, जो कि गिरनार के एक हजार सीढ़ी के पास स्थित है , इस रोपवे की सबसे खास बात यह है कि रोपवे साल भर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहेगा. 8 यात्री बैठने वाली प्रति ट्रॉली की गति प्रति सेकंड 5 मीटर रहेगी. दो ट्रॉली के बीच का अंतर 36 सेकंड का रहेगा. 1 घंटे में 800 यात्री जा सकेंगे. लोअर स्टेशन से अपर स्टेशन तक पहुंचने में 7 मिनट 40 सेकंड लगेंगे. रोपवे के टॉवर बिल्कुल नए हैं और हर एक टॉवर के बीच इनकी ऊंचाई 7 से 8 मंजिल तक रखी गई है , देश के सबसे बड़े रोपवे प्रोजेक्ट में आधुनिक मोनो केबल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है. अंबाजी मंदिर रोड पर अब तक अधिकतम 180 किलोमीटर हवा की गति दर्ज की गई है. हवा की गति का सामना करने के लिए रोपवे की डिजाइन एयरोडायनेमिक बनाई गई है. ट्रॉली स्टेशन से निकलने के बाद 216 मीटर आगे जाएगी. इसके बाद दूसरी ट्रॉली रवाना होगी. ऑस्ट्रेलियन कंपनी द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट के अहम कार्य पुरे हो चुके है अब प्रधानमंत्री के लोकार्पण करने से पहले इसे आखिरी रूप दिया जा रहा है।

अगर रोप वे की टिकट की बात की जाए तो करीब 700 रुपये इसका दाम रखा गया है. इस यात्राधाम सहित सासण गिर शेर दर्शन और भगवान सोमनाथ के दर्शन का एक सम्पूर्ण टूरिज्म सर्किट विकसित होने से गिरनार और जूनागढ़ घूमने के लिए देश- विदेश से ज्यादा पर्यटक आएंगे. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जूनागढ़ में स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और साथ ही अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.

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