डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

चुनाव में हार जीत के अनेक कारण होते है। प्रजातन्त्र में यह सब स्वभाविक रूप में चला करता है। इस मामले में भाजपा संगठन की संरचना मजबूत रही है। अनेक चुनावों में उसे इसका लाभ भी मिलता रहा है। इतना ही नहीं पराजय के बाद भी भाजपा अपने वैचारिक आधार को कायम रखने में सक्षम रहती है। लोकसभा में भाजपा के जब मात्र दो सदस्य थे,तब भी उसका वैचारिक महत्व कम नहीं हुआ था। उत्तर प्रदेश में कुछ वर्ष पहले तक वह तीसरे नम्बर की पार्टी थी। फिर भी उसने बूथ स्तर के प्रबंधन पर फोकस बनाये रखा। अभी हुए पंचायत चुनाव में भी भाजपा को इसका लाभ मिला। पंचायत चुनाव के दौरान अनेक स्थानों पर उपद्रव व अराजकता देखी गई। इसके लिए दोषी तत्वों की पहचान होनी चाहिए। लेकिन इसके लिए किसी एक पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि इसमें अनेक समूह शामिल रहे है। लेकिन यह कहना सही नहीं होगा कि इससे चुनाव परिणाम व्यापक रूप से प्रभावित हुए है। वस्तुतः सत्ता पक्ष को चुनाव के समीकरणों का भी लाभ मिला। बसपा ने इस जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख चुनाव का बहिष्कार किया था। इसका सीधा लाभ भी भाजपा को मिला है। बसपा प्रमुख मायावती ने कुछ समय पहले कहा था कि उनकी पार्टी सपा को रोकने के लिए कुछ भी करेगी। उनके इस बयान का असर इन चुनावों में दिखाई दिया। वैसे इस बार बसपा ने अपनी कमजोर स्थिति के कारण चुनाव का बहिष्कार किया था। उसे पता था कि मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा में है। पांच वर्ष पूर्व जब बसपा मुख्य मुकाबले में हुआ करती थी,तब भी उसने इन चुनावों का बहिष्कार किया था। उस समय सपा की सरकार थी। मायावती का कहना था कि सपा सरकार में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। बसपा के जो सदस्य इस बार निर्वाचित हुए उनमें भी सपा के प्रति नाराजगी थी। सपा हाईकमान इस स्थिति का आकलन नहीं कर सका। बड़ी संख्या में निर्दलीयों का भी सत्ता पक्ष को समर्थन मिला। सपा प्रमुख ने अपनी पार्टी के अनेक पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाई भी की है। कन्नौज के छिबरामऊ की विधायक अर्चना पांडेय का एक बयान उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि कई वर्षों का सपना साकार हुआ है। विधानसभाक्षेत्र के दोनो ब्लाकों पर भाजपा का कमल सुशोभित है। मन में एक टीस थी। वर्षों पहले ब्लाकप्रमुख के चुनाव के समय तालग्राम ब्लाक में समाजवादी पार्टी के अराजकतत्वों ने उनके पिता राम प्रकाश त्रिपाठी के हाथ से नामांकन पत्र छीनकर फाड़ दिया था। उन पर हमला करने की कोशिश की थी। उस समय अपने पिता का वो मायूस चेहरा देखकर कसम खाई थी कि वक्त आने पर हिसाब पूरा करूगीं। आज सभी कार्यकर्ताओं के अथक प्रयास से वह कार्य पूरा हुआ। भाजपा की सफलता के यह तत्कालिक कारण थे। इसके अलावा विगत साढ़े चार वर्षों में वर्तमान सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किये गए कार्यो ने भी इन चुनावों के मत दाताओं को प्रभावित किया। इसमें तीन कृषि कानून,किसान सम्मान निधि,यूरिया की उपलब्धता,ग्रामीण निर्धन आवास,शौचालय निर्मांण,बिजली की सुचारू आपूर्ति,कृषि मंडी में किसानों की उपज की रिकार्ड खरीद के मुद्दे भी शामिल है। इसके अलावा वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने के फौरन बाद किसानों का सर्वाधिक ऋण माफ किया था। गन्ना किसानों का सर्वाधिक भुगतान वर्तमान सरकार ने किया। किसानों के खातों में शतप्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया। बिचौलियों की व्यवस्था से उनको मुक्ति मिली। इस सबका भी चुनाव में असर हुआ। ऐसे में भाजपा का उत्साहित होना स्वभाविक है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गावों को विकास का केन्द्र बनाया है जिसकी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बगैर भेदभाव के विकास की योजनाओ को समाज के हर तबके तक पहुंचाया है। सरकार के काम का असर ग्राम प्रधान,जिला पंचायत अध्यक्ष तथा ब्लॉक प्रमुख चुनाव में दिखा है। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली बड़ी जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम और सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को दिया है।कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को मिली जीत वास्तव में टीम वर्क का परिणाम है। ग्राम प्रधान और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तरह भाजपा क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में भी बडी जीत दर्ज कर रही है। अब तक मिले रूझानों में भाजपा को कुल आठ सौ पच्चीस सीटो में छह सौ पैंतीस पर जीत मिलती दिख रही है। यह संख्या और बढ़ सकती है। पार्टी ने सात सौ पैंतीस सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे जबकि चौदह सीटों पर सहयोगी अपना दल एस के उम्मीदवार चुनाव मैदान पर थे। इसके अलावा छिहत्तर सीटें ऐसी थी जहां भाजपा के दो उम्मीदवार के बीच दोस्ताना जंग थी। पंचायत सदस्यों ने आठ सौ पच्चीस ब्लॉक प्रमुख चुने हैं। यह एक बड़ी चुनावी प्रक्रिया थी जिसे सरकार ने पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराया।

उन्होने कहा कि इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्षों की पचहत्तर सीटों पर भाजपा के तिहत्तर और अपना दल एस के दो प्रत्याशी मैदान में थे जिसमें छाछठ में भाजपा और एक में अपना दल एस उम्मीदवार विजयी रहा था। पंचायत चुनावों में मिली जीत दर्शाती है कि भाजपा सरकार की नीतियों के प्रति जनता की अटूट आस्था है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को आशीर्वाद के लिए जनता का आभार व्यक्त किया। कहा कि यह विजय मोदी सरकार व योगी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रतिफल है। इन परिणाम से प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी। इसमें कोई संदेह नहीं कि केंद्र व प्रदेश की वर्तमान सरकारों ने ग्राम्य विकास के अभूतपूर्व कार्य किये है। किसानों के कल्याण हेतु भी अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। तीन कृषि कानूनों के माध्यम से किसानों को विकल्प उपलब्ध कराए गए है। इनका लाभ भी किसानों को मिलने लगा है। चौदहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के बाद से ग्राम पंचायतों का बजट बढ़ा है। क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों में अनेक सुधार हुए हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार गांव,गरीब और किसान की सीधी मदद करने के साथ ही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है।न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग छत्तीस लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। छियासठ लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। किसानों को ग्यारह हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद कर किसानों को करीब दो सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के दो करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में चालीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। करीब ढाई करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने इतने बड़े सामाजिक विविधतायुक्त राज्य में शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने में अपना सराहनीय योगदान दिया। चुनाव में सभी की भागीदारी रही। करीब पौने नौ लाख लोग लोकतंत्र की इस व्यवस्था से जुड़कर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप विकास की इस प्रक्रिया को मिलकर आगे बढ़ाएंगे।

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