डॉ दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने विश्वविद्यालयों के सरकार द्वारा लिये गये निर्णयानुसार सत्र 2020-21 में चरणबद्ध तरीके से परीक्षा कराने अथवा अगले वर्ष में प्रमोशन देने के निर्देश दिये हैं। इसी के साथ विश्वविद्यालयों को आगामी शैक्षिक सत्र 2021-22 हेतु समय सारिणी बनाकर शिक्षण एवं अन्य गतिविधियाँ संचालित करने की तैयारियाँ पूरी होनी चाहिए।
उपाधि विरतण
आनन्दी बेन ने कहा कि दीक्षान्त समारोह के संबंध में निर्देश दिये कि दीक्षान्त समारोह के पश्चात् विश्वविद्यालय एवं उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों के सभी छात्र-छात्राओं को तत्काल उपाधियाँ उपलब्ध करा दी जायें। अवितरित उपाधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अधिकांश मामलों में विश्वविद्यालय द्वारा तो उपाधियाँ महाविद्यालयों को उपलब्ध करा दी जाती है। परन्तु महाविद्यालयों द्वारा उपाधियाँ समय से छात्रों को वितरित नहीं की जाती है। उपाधि वितरण हेतु छात्रों का नाम, पता एवं मोबाइल नम्बर सहित पूर्ण डाटाबेस बनाया जाये, जिससे छात्रों को उपाधियाँ उनके पते पर प्रेषित कर वितरित की जा सकें। पूर्व वर्षों की अवितरित उपाधियों के संबंध में विशेष अभियान चलाकर उनका विवरण सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय डिजिटल लाॅकर जैसी अद्यतन तकनीकी सुविधा का छात्रहित में प्रयोग करें।
सामाजिक सरोकार
कुलाधिपति ने कहा विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र के झोपड़ पट्टी,गाॅव या नगरीय क्षेत्र में निवास करने वाली महिलाओं के महिला एवं बालिका समूह बनाकर उन्हें शिक्षा,स्वास्थ्य, स्वाभिमान,आर्थिक स्वावलम्बन तथा सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु प्रेरित करें। राज्य सरकार द्वार संचालित योजनाओं से जुड़ी महिलाओं को रोल माॅडल के रूप में प्रस्तुत कर महिलाओं एवं छात्राओं से विचार विमर्श कराया जाये।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय मात्र शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान बनकर ही नहीं रहें। वे सामाजिक सरोकारों में भी अपना योगदान दें। विश्वविद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मी स्वयं और अपने परिवार के सभी सदस्यों का कोरोना टीकाकरण करवायें। अपने क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय लोगों को टीकाकरण हेतु प्रेरित एवं सहायता करें। 21 जून को योग दिवस का आयोजन करें। प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जाने वाले वृहद वृक्षारोपण महाभियान में तैयारी कर विश्वविद्यालय उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों का सहयोग लेकर 1-1 लाख पीपल के पौधों का वृक्षारोपण करें। विश्वविद्यालय में होने वाले नवाचार से अन्य विश्वविद्यालयों को भी अवगत करायें।