राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल शिक्षा के साथ सम्यक आचरण और व्यवहार को भी महत्त्वपूर्ण मानतीं है. इसी लिए वह सभी शिक्षण संस्थानों को सामाजिक सरोकारों को समझने और उनसे जुड़ने की प्रेरणा देती हैं. चिकित्सकों का ज्ञान बहुत मायने रखता है. उनका संबंध मरीजों से होता है. ऐसे में उनका व्यवहार भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है. आनन्दी बेन पटेल ने शिक्षकों को इसके द्रष्टिगत नसीहत दी. उन्होने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में चिकित्सकों को मरीज के साथ व्यवहार के ज्ञान के साथ-साथ चिकित्सक को खुशमिजाज होना भी जरूरी है।

मरीज के साथ चिकित्सकों के सौम्य व्यवहार से मरीज को आत्मबल मिलता है। उन्होंने यह विचारसं जय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ के स्थापना दिवस समारोह में व्यक्त किए.उन्होंने कहा कि जनसामान्य की स्वास्थय समस्याओं को समझने और उनका समाधान निकालने की आवश्यकता है। कृषि कार्य, मजदूरी, फैक्ट्री, सघन गृह कार्य, आदि में संलग्न कामगारों की स्थान विशेष पर कार्य करने से विभिन्न स्वास्थय गत समस्याएं पैदा होती हैं। महिलाएं, श्रमिक, स्लम क्षेत्रों के निवासी अपने स्वास्थय की ओर ध्यान नही दे पाते। उनको स्वस्थ जीवन उपलब्ध कराने के लिए भी शोध और कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जी-20 के आयोजनों में संस्थान को सहयोग के लिए तैयरी करनी चाहिए. समारेाह में संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमन ने संस्थान की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।

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