लखनऊ. राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि लखनऊ शिक्षा का हब बनने के साथ साथ अब ‘चिकित्सा हब’ बनने की दिशा में अग्रसर है. यहाँ विशिष्ट पहचान रखने वाली चिकित्सा संस्थाएं हैं. जिनमें जहाँ प्रदेश के ही नहीं, बल्कि अन्य प्रदेशों और यहां तक नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से भी अनेक लोग उपचार के लिये आते हैं। यहा के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पर पर प्रसिद्ध केजीएमयू, एसजीपीजीआई, आरएमएल आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा संस्थान प्रसिद्ध है. लखनऊ में अनेक गम्भीर रोगों का इलाज भी होता है, जिससे यहां के लोगों को अन्यत्र नहीं जाना पड़ता है.
आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ लखनऊ में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, वेलसन मेडिसिटी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने कहा कि चिकित्सा सेवा का लक्ष्य मानव जीवन को सुगमता प्रदान करना है। चिकित्सा सेवा की अन्य मानव सेवाओं से कोई तुलना नहीं। उन्होंने चिकित्सा संस्थान को बधाई देते हुए अपेक्षा की कि चिकित्सक रोगियों के उपचार में कोई कमी नहीं लायेगें और अस्पताल में आने वाले प्रत्येक रोगी को उत्कृष्ट चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि रोगी के लिए डाक्टर उसका भगवान होता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाएं यहाँ आने वाले मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। हमारे चिकित्सकों में पेशे और स्वास्थ्य सेवा के ढांचे को श्रेष्ठ बनाने की क्षमता और समर्पण है। कम लागत और सस्ती चिकित्सा पद्धति की वजह से हमारे देश को चिकित्सा उपचार के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में जाना जाता है। चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिलने से कई देशों से चिकित्सा लाभ के लिये रोगी यहां आ रहे हैं। इसको बनाये रखने के लिये युवा चिकित्सकों पर बड़ी जिम्मेदारी है। इसी क्रम में उन्होंने देश और प्रदेश की आबादी को स्वस्थ रखने की दिशा में केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी चर्चा की।
राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में अंगदान के महत्व पर जोर दिया और कहा कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के इस युग में अंगदान किसी को जीवनदान देने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन बन गया है। उन्होंने कहा कि अंगदान के पीछे सबसे बड़ी भावना यह होती है कि जाते समय भी किसी की जान बचाई जाए। उन्होंने सुझाव दिया ‘अस्पताल अंगदान और रक्तदान के लिए मुहिम चलाये‘ और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके लिये प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के सेवन मानव के बेहतर स्वास्थ्य को बनाये रखने में सहायक होते हैं और अनेक बीमारियों से उन्हें बचाते भी हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पताल आने वाले मरीजों को हफ्ते में कम से कम दो बार मिलेट्स का आहार लेने के लिये प्रेरित किया जाय। इसके साथ ही अस्पताल की कैंटीन में भी मोटे अनाज से बनें व्यंजनों को परोसा जाए। राज्यपाल जी ने आशा व्यक्त की कि अस्पताल में आने वाले हर वर्ग के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले और धन के अभाव में किसी को इलाज से वंचित ना होना पड़े।