अमरदीप सिंह, संवाददाता, गुजरात

 

कोरोना में रेमडेसिवीर के बाद म्युकर माइकोसिस के नकली दवाइयों की बिक्री के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है , इस महामारी में लोगो की जान से खिलवाड़ कर पैसा कमाने वाले लालचियों ने पुरे राज्य में नकली दवाओं का जाल बिछा रखा था।   कोरोना के बाद महामारी के रूप में सामने आई म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) नामक बीमारी के उपचार में उपयोग की जाने वाली कुबेकॉन नाम से बेची जाने वाली नकली दवाइयों का पर्दाफाश किया गया है। अहमदाबाद और सूरत शहर में कुछ जगहों पर छापेमारी कर दवाइयां बरामद की गई हैं। इन फर्जी दवाइयों की कीमत 50 लाख से अधिक बताई गई है। यह राष्ट्रव्यापी घोटाला बताया जा रहा है।

कोरोना के बाद म्युकर माइकोसिस की बीमारी वैसे ही लोगो की जान लेने पर तुली थी ऐसे में मुनाफाखोर लालचियों ने नकली दवाइयों की बिक्री के साथ मरीजों को और ज्यादा खतरे में धकेलने का इंतेज़ाम कर रखा था , पिछले दिनों महामारी के रूप में घोषित की गई म्यूकोरमाइकोसिस नामक बीमारी के उपचार के लिए चिकित्सकों की ओर से सुझाई जाने वाली दवाई का अवैध एवं फर्जी तौर पर निर्माण कर राज्य भर में उसकी सप्लाई होने की सूचना फ़ूड एंड ड्रग्स विभाग को मिली थी। जिसके आधार पर विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू की गई। इस करवाई के तहत कई जगह छापे मारे गए जिसमे दवाइयों का ज़खीरा मिला , छापे के दौरान हाथ लगी दवाइयों को जांच के लिए लैब में भेजा गया तो दवाइयों के नकली होने की पुष्टि हुई।

छापे में दवाई की 1440 टेबलेट बरामद की हैं। इस संबंध में हैदराबाद की एक कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो देश के विविध भागों में इस दवाई की सप्लाई करती है। डॉ. कोशिया के अनुसार इस कंपनी के पास दवाई निर्माण की उचित मंजूरी भी नहीं है।  दवाई बनाने के लिए लाइसेंस नहीं है। अहमदाबाद और सूरत में कई जगहों पर इस दवाई की सप्लाई की गई और बेची जा रही थी। फ़ूड एंड ड्रग्स विभाग के अनुसार कुविकॉन टैबलेट और  केबीकॉन  40 एमजी पीने वाली दवाई की बोतल भी जब्त की गई है। इस 105 एमएल वाली एक बोतल की कीमत  20 हजार रुपए से अधिक है। कुल मिलाकर 50 लाख से अधिक कीमत की दवाई जब्त की गई है।

इस पुरे मामले की बड़े स्तर पर छानबीन की जरुरत को देखते हुए राज्य के खाद्य एवं औषध विभाग ने देश के ड्रग कन्ट्रोलर जनरल को इस संबंध में सूचना दी है। डॉ. कोशिया का कहना है कि अन्य राज्यों में भी इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि देश के विविध भागों में दवाई की सप्लाई करने के इस मामले में हैदराबाद की कंपनी के घोटाले की जांच के आदेश के संबंध में कार्रवाई की जा रही है।

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