डॉ दिलीप अग्निहोत्री
महामारी के दौरान लोगों का जीवन बचाना सर्वोच्च वरीयता में रहता है। इससे सीधे जुड़े कई अन्य मसले भी होते है। इनका क्रम जीवन रक्षा के बाद आता है। यह सभी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आते है। जीवन से बढ़ कर कुछ नहीं होता। महामारी में स्वास्थ्य सेवाएं कसौटी पर होती है। फिर भी मानवीय क्षमता की एक सीमा होती है। प्रकृति को पराजित नहीं किया जा सकता। बचाव के यथासंभव प्रयास अवश्य किये जा सकते है। ऐसा करना सरकार का दायित्व होता है। अक्सर दैवीय आपदाएं अनुमान से बहुत अधिक होती है। इस समय स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जिससे ब्लैक फंगस व कोरोना की तीसरी लहर में लोगों को मेडिकल सुविधाओं के अभाव का सामना ना करना पड़े। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इसके दृष्टिगत लगातार प्रयास कर रहे है। कुछ ही दिनों में वह पचास से अधिक जनपदों की व्यवस्था की समीक्षा कर चुके है। जहां भी उन्हें कमी नजर आ रही है,वह नाराजगी व्यक्त कर रहे है। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्धारित समय पर कार्य पूरा करने का सख्त निर्देश भी दे रहे है।
निरीक्षण के क्रम में वह सैफई गए थे। यहां उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना काल में बने दो सौ बेड के एल थ्री कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। वह यहां नए बन रहे एक हजार प्रति मिनट लीटर के ऑक्सीजन के प्लांट को देखने गए। इस प्लांट का निर्माण कार्य अठारह मई तक पूरा हो जाना था। किंतु यह अभी अधूरा है। योगी आदित्यनाथ ने इस पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि इस कार्य को यथाशीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस माह के अंत तक दूसरी लहर का समाप्त होना संभावित है। तीसरी लहर को रोकने के लिए प्रदेश में तैयारी तेज हैं। जिलों में दौरे करके चिकित्सा व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जा रही हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से पूरे प्रदेश में तीन सौ आक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले दस साल से कम उम्र बच्चों के माता पिता काे टीका लगवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूपी में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से कम हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा टेस्ट किए हैं। प्रदेश की जनता को फ्री में वैक्सीन लगवाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र राज्य मिलकर काम कर रहे हैं। प्रदेश के जिले में सौ सौ पीडियाट्रिक बेड के वार्ड की व्यवस्था की जा रही है। जिससे बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। योगी आदित्यनाथ ने कोविड अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने विश्वविद्यालय में ही अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की।