डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद कई बार अपने गृह जनपद कानपुर आये है। लेकिन प्रेजिडेंट की विशेष ट्रेन से यहां उनका पहली बार आगमन हुआ। यह कानपुर के लिए भी विशेष अनुभव था। पिछले कई दिन से उनके आगमन की तैयारियां चल रही थी। सुरक्षा के संबन्ध में पूर्वाभ्यास भी किया गया था। ऐसा पूर्वाभ्यास दिल्ली कानपुर रूट के अनेक रेलवे स्टेशनों पर भी किया गया। शताब्दी एक्प्रेस को प्रतीकात्मक रूप में मानकर
पूर्वाभ्यास हुआ था।

अनगिनत यादें

रामनाथ कोविंद की बचपन से लेकर शिक्षा प्राप्ति तक अनगिनत यादें कानपुर से जुड़ी है। वह उन्होंने इंटर की पढ़ाई बीएसएसडी और स्नातक की पढ़ाई डीएवी से की थी। राष्टपति बनने के बाद वह कानपुर की यात्रा में वह अपने गुरुजनों से भी मिले थे। चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद भी लिया था। रामनाथ कोविंद अनेक अवसरों पर कानपुर के अपने अनुभव साझा करते है। उनका जीवन प्रेरणादायक है। अति साधारण परिवार में उनका जन्म हुआ था। वह याद करते है कि बचपन में उनके घर की की से बरसात में पानी टपकता था। तेज वर्षा में पानी अधिक आ जाता था,इस कारण उनको वह खड़े रहना पड़ता था।

सेंट्रल स्टेशन पर स्वागत

कानपुर सेण्ट्रल रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना,उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार,महापौर प्रमिला पाण्डेय सहित जन प्रतिनिधिगण,शासन प्रशासन,रेलवे एवं सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

झींझक में मिले गांव के लोग

इसके पहले राष्ट्रपति का उनके पैतृक गांव से कुछ ही दूरी पर झींझक स्टेशन पहुंचने पर भी स्वागत किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश से नौ प्रधानमंत्री देश के हुए, पर राष्ट्रपति पहली बार आपके आर्शीवाद व स्नेह से हुए। अब उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुल गया है। राष्ट्रपति की प्रेसीडेंशियल महाराजा ट्रेन कानपुर देहात के झींझक स्टेशन पर सायंकाल पहुंची थी। उनके पैतृक गांव परौंख के सैकड़ों लोग यहां मौजूद थे। सुरक्षा कारणों से मात्र अड़तीस लोगों की उनसे मुलाकात हो सकी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि हमेशा निष्पक्ष होकर ही मतदान करना। सभी नागरिकों को समझदार और जागरुक बनना चाहिए तभी देश उन्नत करेगा। वसुधैव कुटुम्बकम को हम भूलते जा रहे हैं,इसी कारण सभी सुविधाएं होने के बाद भी शायद आज हम पहले जितना खुश नहीं हैं। हम सबको मिलकर आगे बढ़ाना है और तरक्की के रास्ते पर और आगे ले जाना है। राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी अदृश्य है यह दिखाई नहीं देती। इससे बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। सावधान रहें और दूसरों को भी इस बीमारी से बचने के उपाय बताते रहें।

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