अमरदीप सिंह, संवाददाता, गुजरात

 

गुजरात में एक ऐसी सेवा की शुरूआत की हैं जो सेवा अब तक पूरे देश में कही नही हैें। गुजरात सरकार ने कोरोना के कुछ  मरीजों को डायलिसीस के जरूरत को देखते हुए ये पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की हैं। इस प्रोजेक्ट में ये सुविधआ दी गई हैं कि अगर कोरोना के किसी मरीज को अगर डायलिसीस की जरूरत हैं और हास्पीटल में सुविधा न होने की वजह से दिक्कत हो रही हैं तो ऐसे मरीजों के लिये मोबाईल डायलिसीस वैन की शुरूआत की हैं।

गुजरात सरकार ने देश में पहली बार डायलिसिस की जरुरत वाले क्रिटिकल कोरोना पेशेंट्स के लिए शुरू की है। गुजरात सरकार ने इस सेवा को फिलहाल मुफ्त रखा हैं। इस सुविधआ के लिये किसी मरीज को कोई पैसे देने की जरूरत नही हैं। अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ़ किडनी डिसीज़ेज़ ने आज से अहमदाबाद में इस पाइलट प्रोजेक्ट की शुरूआत  की हैं।

इस मोबाइल वैन में डायलिज़र मशीन डिसटिल पानी और दूसरे जरुरी इमरजेंसी संसाधनों के साथ टेक्निशियंस मिनिटों में खुद उस ICU में पहुँच जाएंगे जहां वो मरीज भर्ती है। कोरोना में कई क्रिटिकल पेशेंट्स को डायलिसिस की जरुरत पड़ती है जो सुविधा हर हॉस्पिटल में उपलब्ध नहीं होती इसलिए क्रिटिकल पेशेंट्स को बार बसर शिफ्ट करना पड़ता है

15% पेशेंट्स की मृत्यु तो इस शिफ्टिंग के दौरान ही हो जाती है इसलिए उन्हें सुरक्षित रखने के लिए ये सेवा शुरू की गयी है। एक वैन में तीन मशीने तमाम संसाधनों के साथ आ सकती हैं और पुरे दिन में ये 15 मरीजों को सेवा पहुंचा सकती हैं ,एक हफ्ते बाद पुरे गुजरात में ये सेवा शुरू की जायेगी

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